Heart Attack and Hiking: हार्ट अटैक और हाइकिंग का क्या है कनेक्शन? दिग्गज योगा टीचर की मौत से उठा ये बड़ा सवाल

Heart Attack and Hiking: दिग्गज योगा टीचर शरद जॉइस की हाइकिंग के दौरान हार्ट अटैक से दुखद मौत हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि हार्ट अटैक और हाइकिंग का क्या है कनेक्शन? जानें

Heart Attack and Hiking: दिग्गज योगा टीचर शरद जॉइस की हाइकिंग के दौरान हार्ट अटैक से दुखद मौत हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि हार्ट अटैक और हाइकिंग का क्या है कनेक्शन? जानें

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Ajay Bhartia
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 Yoga guru Sharath Jois dies

Heart Attack and Hiking: हार्ट अटैक और हाइकिंग का क्या है कनेक्शन? दिग्गज योगा टीचर की मौत से उठा ये बड़ा सवाल

Heart Attack and Hiking: एक योगा टीचर की हाइकिंग के दौरान हार्ट अटैक से मौत की खबर ने सबको हैरान कर दिया है. विदेश में योग सिखाने वाले योगा टीचर शरद जॉइस की हार्ट अटैक आने से निधन की खबर आई. महज 53 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. हैरानी इस बात की है कि आम लोगों से अलग योग टीचर तो कठिन योग साधना करते हैं. ऐसे में सवाल है कि हार्ट अटैक और हाइकिंग का क्या है कनेक्शन?

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कौन थे शरद जोइस

दुनिया के बेहतरीन योग ट्रेनर में शरद जोइस का नाम शामिल है. वो अष्टांग योग के मशहूर टीचर थे, जिनसे ट्रेनिंग लेने के लिए देश-विदेश के लोगों का तांता लगा रहता था. शरद ने अपने दादा के स्थापित योग शैली को न सिर्फ लोकप्रिय बनाया, बल्कि इसे विश्वस्तरीय पहचान दी. वो अष्टांग संस्थापक कृष्ण पट्टाभि जोइस के पोते थे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के वर्जीनिया में हाइकिंग के दौरान दिल का दौरा पड़ने से शरद जॉइस का निधन महज 53 साल की उम्र में हो गया. शरद को दिल का दौरा तब पड़ा जब वो हाइकिंग कर रहे थे. योगा टीचर शरद जोइस को आए हार्ट अटैक से हाइकिंग का नाम जुड़ा है. इसलिए सबसे पहले जानते हैं कि ये हाइकिंग क्या होती है.

क्या होती है हाइकिंग?

आजकल एडवेंचर के लिए लोग पहाड़ों की सैर पर जाते हैं, जहां लंबी पैदल यात्रा को हाइकिंग कहते हैं. हाइकिंग के दौरान लगातार लंबी दूरी चलना पड़ता है. ऊंची खड़ी पहाड़ों पर हाइकिंग से हार्ट रेट काफी तेजी से बढ़ जाती है, जो दिल पर तनाव डाल सकती है. इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए हाइकिंग के दौरान लोगों को तमाम जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए.

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हार्ट अटैक से पहले के लक्षण

हार्ट अटैक का पहले से अनुमान लगाना संभव नहीं लेकिन इसके कुछ लक्षणों को समझना बहुत जरूरी है, जिसमें अचानक ज्यादा पसीना आना, छाती में दर्द, हाथ और गर्दन में अचानक दर्द होना, चक्कर आना या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों पर नजर रखें. ऐसी हालत में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ये हार्ट में खराबी के संकेत हो सकते हैं, लेकिन इन परिस्थितियों से बचने के लिए डॉक्टर बताते हैं कि किसी भी हालत में अति करने से बचें चाहे वो पैदल चलना ही क्यों न हो.

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हाइकिंग: इन बातों का रखें ध्यान 

इसी के साथ अगर आप पहाड़ों पर हाइकिंग या ट्रैकिंग के जाना चाहते हैं तो अपने दिल का ख्याल रखने के लिए कुछ खास बातों पर ध्यान दें, जैसे ये कठिन फिजिकल एक्टिविटी पूरी तरह से फिट रहने पर ही करें प्लान. पहली बार हो या बार-बार जब भी जाएं पहले मेडिकल चेकअप जरूर करवाएं. हाइकिंग के वक्त हांफने लगें तो तुरंत बैठ जाएं.  हार्ट बीट नॉर्मल होना बेहद जरूरी. ऑक्सीजन किट हमेशा पास रखें.  अगर आप ऐसी सावधानियां बरतेंगे तो हाइकिंग आपके दिल का दुश्मन नहीं बनेगा इसलिए सेफ रहने के लिए अलर्ट रहें.

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