शिमला, 30 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने बड़ा लक्ष्य रखा है। सरकार ने 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाने का संकल्प लिया है।
राजधानी शिमला में प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाने का बड़ा लक्ष्य रखा। इस लक्ष्य को पाने के लिए कई नियमों में परिवर्तन किए गए हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, 18 महीने पहले जब हमारी सरकार बनी और मैने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो कई विभागों में हमने आमूलचूल परिवर्तन करने का काम किया। वन विभाग भी हमारे विभागों में से एक है। हमें खुशी है कि जो हमने एक साल पहले परिवर्तन किए थे, उसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया और आज 75वें वन महोत्सव के अवसर पर पूरे राज्य में लागू करने जा रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया ये परिवर्तन इस प्रकार थे कि अगर रेंज में कोई सूखा पेड़ गिर जाता था, तो कानून पेंच दांव में हम उसको उठा नहीं सकते थे। भारी बरसात और आपदा के समय पेड़ सड़कों पर गिर जाते थे, उसको हटाने के लिए परमिशन लेनी पड़ती था। गांव के जंगलों में हजारों पेड़ गिर जाते थे। अब इस क्षेत्र में पेड़ों को उठाने का अधिकार बीएफओ को दे दिया गया है।
सूखे पेड़ को भी हटाने का अधिकार हमने बीएफओ, रेंज ऑफिसर, डिप्टी रेंज ऑफिसर और गार्ड तक को दे दिया है। 40 साल में पहली बार हमने इस व्यवस्था में परिवर्तन किया है। महिला मंडल के बीट को हम जंगल में फलदार पौधे लगाने का मौका देना चाहते हैं और पेड़ों की सुरक्षा करने के लिए भी उनको पैसे मिलेंगे, ऐसी नीति बनाने के विषय में हम सोच रहे हैं।
सुक्खू ने आगे बताया कि अभी तक फलदार पौधे लगाने की सीमा 30 प्रतिशत होती थी, लेकिन अब इसको बढ़ा कर हमने 60 प्रतिशत कर दी है। वहीं जिले के हिसाब से फलदार पेड़ों को लगाने की योजना है।
कुल्लू में बादल फटने के सवाल पर सुक्खू ने कहा कि शुक्र की बात है कि हादसे में किसी की जान नहीं गई। कई लोगों के घरों को नुकसान हुआ है, सरकार इसका जायजा ले रही है।
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