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गुजरात में मानसून कराएगा लंबा इंतजार, जानें कब तक होगी बारिश?

दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 15 जून को गुजरात में प्रवेश करता है और 20 जून तक अहमदाबाद और सौराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों सहित राज्य के अन्य भागों में आगे बढ़ता है.

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Ritu Sharma
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Gujarat Hindi News

गुजरात मानसून 2024( Photo Credit : News Nation )

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Gujarat Monsoon 2024: दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने इस वर्ष 11 जून को दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में समय से पहले पहुंचकर अपनी शुरुआत की और कई दिनों तक ठहरा रहा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार शाम को अपने पूर्वानुमान में कहा कि अगले तीन-चार दिनों में गुजरात और इससे सटे उत्तरी अरब सागर के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं. आईएमडी के मौसम बुलेटिन के अनुसार, ''दक्षिण-पश्चिमी मानसून अब अरब सागर, गुजरात के कुछ और हिस्सों, महाराष्ट्र के शेष हिस्से, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से, ओडिशा के शेष हिस्से और झारखंड के कुछ हिस्से में आगे बढ़ गया है.'' मौसम विभाग ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों के दौरान उत्तरी अरब सागर और गुजरात के कुछ और हिस्सों, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के शेष हिस्सों, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों की ओर मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं.

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मानसून की सामान्य गति

वहीं गुजरात में मानसून आमतौर पर 15 जून को प्रवेश करता है और 20 जून तक अहमदाबाद और सौराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों सहित राज्य के अन्य भागों में फैल जाता है. प्रवेश के बाद, दक्षिण-पश्चिमी मानसून कई दिनों तक गुजरात के अन्य भागों में आगे नहीं बढ़ा था. अधिकारियों के अनुसार, यह 25 जून तक सौराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों और 30 जून तक पूरे राज्य में पहुंच जाता है.

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बारिश का हाल

आपको बता दें कि आईएमडी के मुताबिक, दक्षिण गुजरात के तापी जिले में रविवार सुबह 6.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में भारी बारिश हुई. इस अवधि के दौरान दक्षिण गुजरात के कई स्थानों और उत्तर गुजरात-सौराष्ट्र में भी अलग-अलग स्थानों पर बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग ने अगले सप्ताह गुजरात के सभी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का पूर्वानुमान जारी किया है.

कृषि पर प्रभाव

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मानसून का समय से पहले आगमन और लगातार बारिश गुजरात के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है. किसानों को फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त नमी मिल सकती है, जिससे खेती की उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून की यह स्थिति खरीफ फसलों जैसे धान, ज्वार, बाजरा और कपास के लिए अनुकूल साबित हो सकती है.

शहरी क्षेत्रों में तैयारी

शहरी क्षेत्रों में मानसून के प्रभाव को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने जलभराव और बाढ़ जैसी समस्याओं से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. निकासी नालियों की सफाई, जलभराव वाले इलाकों में पंप सेट लगाने और आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे शहरों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि मानसून के दौरान आम जनजीवन प्रभावित न हो.

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पर्यटन पर असर

इसके अलावा आपको बता दें कि गुजरात के पर्यटन क्षेत्र पर भी मानसून का सकारात्मक असर पड़ सकता है. पर्यटक स्थलों पर हरी-भरी हरियाली और सुखद मौसम के कारण पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है. मानसून सीजन में गिरने वाले जलप्रपात, हिल स्टेशन और समुद्र तटों की सुंदरता में इजाफा होता है, जिससे राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है.

HIGHLIGHTS

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  • गुजरात में मानसून कराएगा लंबा इंतजार
  • मानसून की वर्तमान स्थिति
  • जानें कब से सभी जिलों में होगी बारिश?

Source : News Nation Bureau

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