धरती जैसे युवा ग्रह के मिलने की संभावना पहले की उम्मीदों से कहीं ज्यादा: अध्ययन

ब्रिटेन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि पृथ्वी जैसे ग्रह को उनकी उत्पत्ति के शुरुआती चरणों में ही खोज पाने के संभावना पहले में की तुलना कहीं ज्यादा है.

author-image
Deepak Pandey
New Update
moon

धरती जैसे ग्रह के मिलने की संभावना पहले की उम्मीदों से कहीं ज्यादा( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

ब्रिटेन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि पृथ्वी जैसे ग्रह को उनकी उत्पत्ति के शुरुआती चरणों में ही खोज पाने के संभावना पहले में की तुलना कहीं ज्यादा है. शेफील्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के एक दल ने आकाश गंगा के नये तारों के समूहों का अध्ययन कर यह पता लगाने की कोशिश की कि अंतरिक्ष में अन्य तारा निर्माण करने वाले क्षेत्रों को लेकर किए गए प्रेक्षणों और सैद्धांतिक स्थापनाओं में कितना फिट बैठते हैं.

यह अध्ययन भी किया गया कि क्या इन समूहों में तारों की संख्या पृथ्वी जैसे ग्रह के बनने की संभावना को प्रभावित करती है. यह शोध एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इसमें पाया गया कि इन समूहों में उम्मीद से कहीं ज्यादा सूर्य जैसे सितारे हैं जो धरती जैसे ग्रह की उनकी उत्पत्ति के शुरुआती चरण में खोज के मौकों को बढ़ाएंगे. अपनी निर्माण के शुरुआती चरण में धरती जैसे ग्रहों को मैग्मा महासागर ग्रह कहा जाता है. ये अब भी चट्टानों और छोटे ग्रहों की टक्कर से बन रहे हैं, जिसके कारण वे इतने ज्यादा गर्म हो जाते हैं कि उनकी सतह पिघली हुई चट्टान बन जाती है.

मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर रिचर्ड पार्कर ने कहा कि इन मैग्मा महासागर ग्रहों को सूर्य जैसे सितारों के पास खोज पाना आसान है, जो सितारों के औसत द्रव्यमान से दोगुना भारी होते हैं. यह ग्रह इतनी उष्मा उत्सर्जित करते हैं जो हम अगली पीढ़ी की इंफ्रारेड दूरबीनों से देख पाने में सक्षम होंगे. इस शोध में विश्वविद्याल के स्नातक की पढ़ाई कर रहे छात्र शामिल थे जिससे उन्हें इस अध्ययन के दौरान प्राप्त कौशल को प्रमुख शोध के प्रकाशन के दौरान इस्तेमाल में मदद मिलेगी.

पार्कर ने कहा, “इन ग्रहों को पाने का स्थान तथाकथित ‘युवा गतिमान समूह’ हैं जो नए तारों का समूह होता है जिनकी उम्र 10 करोड़ साल से कम होती है.

Source : Bhasha

moon planet earth
Advertisment
Advertisment
Advertisment