पूजा पाठ करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है. वहीं मन को शांति भी मिलती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हमें पूजा पाठ करने के बाद भी उसका फल नहीं मिलती. इसका मुख्य कारण है घर में स्थापित मंदिर में कुछ चीजे छोड़ देना. जिससे व्यक्ति देवीय प्रकोप में घिर जाता है. देवीय प्रकोप व्यक्ति को पूजापाठ में गलतियों को कारण मिलता है. देवी देवताओं की आराधना के लिए शास्त्रों में पूजा-पाठ के कुछ नियम बताए गए हैं. आज हम आपको बताएंगे कि गलती से भी घर के मंदिर में यह चीजें ना छोड़े.
बता दें इन दिनों घर में मंदिर बनाने का प्रचलन बढ़ गया है. जो शास्त्रों के आनुसार उचित नहीं है. मंदिर, पूजा का स्थान हमेशा घर से अलग होना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर को खुले स्थानों पर स्थापित किया जाए.
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पूजा कक्ष में पूजा के बाद कुछ चीजें छोड़ देने से घर में तनाव और कष्ट बढ़ने लगते हैं बहुत से लोग अपने शयन कक्ष में ही पूजा का स्थान बना लेते हैं जो वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित नहीं है. शयन कक्ष में पूजा घर बनाने से पारिवारिक जीवन में बाधाएं और कष्ट का आगमन होता है.
घर से बाहर जाते समय हम घर का ताला तलगाकर जाते हैं, लेकिन मंदिर के कपाट बंद करना भूल जाते हैं. हमेशा ध्यान दें घर से बाहर जाते समय मंदिर में पूजा-पाठ करें और मंदिर के कपाट बंद करें. बाद में घर में ताला लगाएं.
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पूजा घर में पुराने सूखे फूल, फूल माला, अगरबत्तियां और माचिस ना रखें. ऐसा करने से नकारात्मक उर्जा का संचार होचा है. जो आपकी जीवन में कष्ट और आपके कार्य में परेशानियां उत्पन्न कर सकता है.
HIGHLIGHTS
- पूजा घर में पुराने सूखे फूल, फूल माला, पुरानी दीपक ना रखें
- पुरानी अगरबत्तियां और माचिस ना रखें
- शयन कक्ष में पूजा घर ना बनाएं
Source : News Nation Bureau