धनतेरस का त्योहार यानी की 2 नवंबर को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. धनतेरस के दिन मान्यता है कि धनत्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था. इस दिन गहनों और बर्तन की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है. धनतेरस के दिन हर साल लोग चांदी के सिक्के, पायल , बर्तन या कुछ भी सामान खरीदते है. दिवाली जैसे जैसे पास आती है लोग अपने घर को उतना ही सुन्दर बनाते है. फिर चाहे वो चांदी के चमकते हुए बर्तन हो या फिर झाड़ू. आप सारी वो चीज़ें खरीदते हैं जिससे घर में लक्ष्मी आए. लेकिन अगर आज हम आपको बतायें कि एक चीज़ ऐसी है जिसको शयद आप भूल जाते हैं और उस चीज़ को लाने से आपके घर में सुख और समृद्धि भी आएगी तो कैसा रहेगा.
यह भी पढ़ें- Rashi Tips: क्या आप भी हो सकते हैं गुमराह, जानें अपनी राशि
आज हम आपको एक ऐसी चीज़ बताएंगे जिसको लाने से माँ लक्ष्मी ही नहीं बल्कि भगवान धनवंतरी भी खूह होंगे और इस धनतेरस आप पर अपनी कृपा करेंगे. मान्यता है कि यह तिथि धन और वैभव प्रदान करने वाली है. बता दें कि धनतेरस को भगवान धनवंतरी के जन्म दिवस के रूप में मनाते हैं. हिन्दू धर्म में अलग अलग तरह की मान्यताएं है. हर पर्व पर कोई न कोई मान्यता हम मानते है और उसपर विश्वास भी करते है. धनतेरस दिवाली को लेकर भी एक मान्यता है की इस दिन पीतल खरीदना चाहिए.
पीतल है भगवान धनवंतरी को प्रिय
भगवान धनवंतरी को भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है. इनकी चार भुजाएं हैं. जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख और चक्र धारण किए हैं. दूसरी दो भुजाओं में औषधि और अमृत कलश लिए हुए थे. मान्यता है कि यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ था, क्योंकि भगवान धनवंतरी को पीतल अति प्रिय है. मान्यता है कि इस दिन पीतल से बनी वस्तु को खरीदने से इसका लाभ दो गुनाह ज्यादा बढ़ कर मिलता है. पीतल का निर्माण जस्ता और तांबा धातुओं के मिश्रण से होता है. पूजा-पाठ में पीतल से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है.
महाभारत में वर्णित एक कथा के अनुसार, सूर्यदेव ने द्रौपदी को पीतल का पात्र वरदान के रूप में दिया था जिसकी खास बात थी कि द्रौपदी चाहे कितने लोगों को भोजन करा दें,खाना कभी भी कम नहीं पड़ेगा.
यह भी पढ़ें- Dhanteras 2021: जानिए कब और कौन सा है धनतेरस का शुभ मुहूर्त और क्या है धनतेरस का महत्त्व
Source : News Nation Bureau