...तो सावन में भगवान शिव हो सकते हैं नाराज! भोले के भक्तों की कांवड़ यात्रा सावन के साथ ही शुरू हो चुकी है. आगामी 15 जुलाई यानि कि मासिक शिवरात्रि पर सावन का पहला जलाभिषेक किया जाएगा. इसे लेकर लाखों शिव भक्तों में काफी उत्साह नजर आ रहा है. मान्यता है कि इस पावन महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, हालांकि कांवड़ यात्रा के दौरान कई तरह के नियमों का पालन करना भी बेहद जरूरी है, जिसे लेकर शास्त्रों में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है... आइये जानते हैं...
शास्त्रों में कांवड़ यात्रा से जुड़े कई नियमों का वर्णन है, जिनमें कई कामों को लेकर मनाही भी की गई है, ऐसे में इन नियामों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है, वरना आपकी छोटी सी भूल भगवान शिव को नाराज कर सकती है. साथ ही इस कांवड़ यात्रा का आपको उचित फल भी प्राप्त नहीं होगा.
इन तीन चीजों का रखें ख्याल...
नशा- कांवड़ यात्रा को तीर्थ यात्रा का दर्जा दिया जाता है, जहां मांस, मदिरा या किसी भी अन्य प्रकार के नशा का सेवन पाप है. ऐसे में अगर आप कांवड़ यात्रा पर जा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि किसी भी हाल में नशे या मांस का सेवन बिल्कुल न करें, वरना भगवान शिव आपसे नाराज हो सकते हैं.
क्रोध- भोलेनाथ की असीम कृपा के लिए कांवड़ यात्रा पर मन शांत रखें. ये यात्रा तीर्थ यात्रा के समान है, जहां क्रोध जैसे किसी भी भाव की कोई जगह नहीं है. इस पूरी यात्रा के दौरान आपको गुस्सा नहीं करना है, अपनी वाणी पर संयम रखना है. किसी भी तरह के विवाद से दूर रहना है. तभी आपको इस पावन यात्रा का असली फल प्राप्त होगा.
दूषित भोजन- इस यात्रा में खुद को स्वच्छ रखें, ऊपर से भी और भीतर से भी. इसलिए इस पूरी यात्रा के दौरान आप केवल स्वच्छ भोजन का सेवन करें. किसी भी प्रकार का दूषित खाना पाप के समान है.
Source : News Nation Bureau