हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है. कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को इस साल का आखरी चंद्र ग्रहण लगेगा. धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो इसका खास महत्व है. 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. जैसा ग्रहण का असर बुरा किसी न किसी राशि पर पड़ता ज़रूर है, वहीं इस दौरान बुरे प्रभाव से बचने के लिए कई उपाय बताए जाते हैं. इस दौरान कई शुभ कार्य करना वर्जित होता है. चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. ग्रहण का सूतक लगने से लेकर ग्रहण की समाप्ति तक कई कामों को करने में मनाही होती है. चलिए जानते हैं क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
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ग्रहण काल में क्या न करें:
इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य न करें . ग्रहण काल में पूजा-पाठ के काम भी नहीं किये जाते और न ही भगवान की मूर्तियों को स्पर्श किया जाता है. ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए. सूतक लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें. ग्रहण काल में भोजन नहीं किया जाता है. साथ ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी के कुछ पत्ते डालकर रख दें. सूतक काल के नियम गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग, बच्चों और बीमार लोगों पर लागू नहीं होते. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में काटने, छीलने या सिलने का काम नहीं करना चाहिए. मान्यता है इसका बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. वहीं ग्रहण काल में सोन नहीं चाहिए.
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ग्रहण ख़त्म होने के बाद क्या करें -
ग्रहण ख़त्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें. तुलसी के पेड़ से लेकर मंदिर तक अपने पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करें. ग्रहण खत्म होने के बाद पितरों के नाम से भी दान करें.
Source : News Nation Bureau