हिन्दू धर्म में जब बात पूजा- पाठ की आती है तब सभी लोग बहुत ही ध्यान लगाकर नियमों का पालन करते हैं. हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है. और अब साल खत्म होने को है. ऐसे में मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा साल की अंतिम पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2021) होती है. हर साल दिसंबर माह में ही मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा पड़ती है. इस पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. हिन्दू धर्म में पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का भी बहुत महत्व(margashirsha purnima significance) होता है. तो आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त क्या है, और कैसे पूजा- पाठ (margashirsha purnima puja), व्रत करने है.
शुभ समय – 11:56:48 से 12:38:06 तक
कैसे करनी है पूजा?
सबसे पहले इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है. आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी करते है तो भी आपको उतना ही लाभ मिलता है. नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान जरूर कर लें. नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करना न भूले. अगर संभव हो तो आप इस दिन व्रत भी रख सकते हैं. सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. इस दिन पूर्णिमा के पावन अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है इसलिए विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी अवस्य करें. आप आज के दिन भगवान विष्णु को भोग अवस्य लगाएं. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को शामिल करना न भूलें.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाएं. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करना न भूलें. आपको विशेष रूप से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि प्राप्त होगी. अगर आज के दिन आपके घर के आसपास गाय दिखाई पड़ती है तो गाय को भोजन जरूर कराएं. गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से आपको मुक्ति मिल सकती है.
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क्या है इस व्रत की खास बात?
आपको बता दें इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत आज शनिवार को पड़ा है, जो लोग यह व्रत करेंगे, उनको शनि देव का भी आशीर्वाद मिलने वाला है. ऐसे में आप मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत करके चंद्र दोष और शनि दोष दोनों से ही राहत पा सकते हैं.