रामनवमी( Ram Navmi 2022) के दिन लोग उत्साह के साथ भगवान राम की पूजा अर्चना करते हैं. कुछ लोग व्रत भी रखते हैं. रामनवमी के पावन दिन रामचरित मानस का पाठ करने से अनेक कामनाएं पूरी होती है. रामचरितमानस का पाठ करने से जन्म जन्मांतरों के पाप से मुक्ति, भय, रोग आदि सभी दूर हो जाते हैं. अगर आप रामनवमी के दिन सम्पूर्ण रामचरित मानस का पाठ नहीं कर पाते हैं तो सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार है कि कल के दिन राम चरित्र मानस का पाठ करने से जिंदगी से दुःख और दर्द दूर हो जाते हैं. ऐसी ही कुछ चौपाइयां हैं जिनका कल के दिन पाठ करने से आपके सारे दुःख दर्द दूर हो जाएंगे. जिंदगी में धन की वर्षा होगी.
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रामचरितमानस के पाठ का महत्व
रामचरितमानस में भगवान श्री राम का गुणगान और वृतांत कहा गया है. जिस घर में रामचरितमानस को सम्मान के साथ रखा और पूजा जाता है वहां पर किसी प्रकार का कोई अभाव नहीं रहता है. रामनवमी में राम नाम का जाप बहुत लाभकारी और चमत्कारिक माना जाता है. रामचरितमानस का नित्य पाठ करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है. कहते हैं जिस घर में रामचरितमानस रखी होती है वहां प्रभु श्री राम की कृपा सदैव बनी रहती है. रामचरितमानस की चौपाई कई मंत्रो के जाप के बराबर फल प्रदान करती हैं.
रामचरित मानस का पाठ करने के नियम
- रामचरित मानस का पाठ करने से पहले चौकी पर पर सुंदर वस्त्र बिछाकर भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करें.
- सर्वप्रथम हनुमान जी का आह्वाहन करें व उन्हें राम कथा में आमंत्रित करें. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम जी के पूजन से पूर्व हनुमान जी का आह्वाहन अनिवार्य होता है. जिससे पूजा का सही फल मिल सके.
- हनुमान जी का आह्वाहन करने के पश्चात श्री गणपति का आह्वाहन करते हुए रामचरितमानस का पाठ शुरू करें.
- नियमित रूप से आप जहां तक पाठ कर सकते हैं वहां तक रामचरित मानस का पाठ करें फिर विराम देते हुए रामायण जी की आरती करें.
- रोज पवित्र तन और मन से ही रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है.
- श्री राम, लक्ष्मण जी और मां सीता की आरती करें.
संपत्ति प्राप्ति के लिए
'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।
मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु
'कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।
आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु
बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत असहोई।।
शत्रु नाश के लिए
बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।
भय व संशय निवृत्ति के लिए
रामकथा सुन्दर कर तारी।
संशय बिहग उड़व निहारी।।
अनजान स्थान पर भय के लिए
मामभिरक्षय रघुकुल नायक।
धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।
भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु
सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।
सरनागत बच्छल भगवाना।।
विपत्ति नाश के लिए
राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक।।
रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु
दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।
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Source : News Nation Bureau