हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस मनाया जाता है, ठीक इसी के 1 दिन बाद छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली मनाई जाती है. पुराणों के अनुसार धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे. इस दिन सोने चांदी के आभूषण बर्तन, नया वाहन खरीदना अत्यंत शुभ होता है. इस दिन अपने घर में नई झाड़ू जरूर लानी चाहिए. शाम के समय भगवान लक्ष्मी नारायण के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा होती है. इस पावन दिन हर किसी को विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए. इसी के साथ कुछ राशि ऐसी भी है जिन्हे कई उपाए भी करने चाहिए ताकि उनपर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहे. तो चलिए आपको बताते हैं की कैसे होती है पूजा अर्चना.
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धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा करें. सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें. पूजा के समय घी का दीपक जलाएं. कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई पूजा में चढ़ाएं. पूजा करते समय कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए. फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा. भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है.
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Source : News Nation Bureau