Sawan First Somwar 2023: कालों के काल महाकाल भगवान शिव की अराधकों के लिए सावन का समय है सबसे खास. ये मौका है भगवान तक अपनी बात को डायरेक्ट पहुंचाने का. इस बार अधिकमास का सावन है. ये संयोग पूरे 19 साल बना है. ये समय ऐसा है जब आपको भोले भंडारी की आराधना के लिए ज्यादा समय मिल रहा है. इस बार सावन में 8 सोमवार पड़ रहे हैं. जिसमें से बीच के 4 सोमवार जो हैं वो मलमास में आ रहे हैं जिसमें व्रत मान्य नहीं माने जाते. सावन का पहला सोमवार बेहद खास होता है इस दिन अगर आपने भगवान शिव की सही विधि विधान से पूजा कर ली तो आपको जीवन में हर कष्ट से मुक्ति मिल जाती है. एक और योग खास है जो सावन के पहले सोमवार को ही पड़ रहा है. ये योग है पंचक का, इसे योग को लेकर कई लोगों को कंफ्यूज़ है कि सावन के पहले सोमवार रुद्राभिषेक करें या नहीं. तो आइए जानते हैं पंचक क्या है और सावन के पहले सोमवार आपको कैसे पूजा करनी है.
क्या होता है पंचक योग
इस साल सावन के पहले सोमवार को पंचक का योग बन रहा है जिसे जानने वाले इस बात से कन्फ्यूज़ हो रहे है कि सावन के पहले सोमवार रुद्राभिषेक करें या नहीं. तो सबसे पहले आप ये जान लें कि पंचक योग होता क्या है. दरअसल कुछ नक्षत्रों के मेल से जब कोई योग बनता है तो उसे विशेष योग यानि पंचक योग कहते हैं. आसान भाषा में कहें तो जब चन्द्रमा, मीन और कुंभ राशि में होते हैं तब पंचक का योग बनता है ये शुभ योग नहीं माना जाता.
लेकिन क्या सावन में पंचक के योग पर पूजा करना निषेध है? अगर आपके मन में भी ये सवाल उठ रहा है तो बता दें कि नहीं.
अगर आप सावन के पहले सोमवार रुद्राभिषेक करने का सोच रहे हैं तो बेझिझक करें. ये दिन भगवान शिव के हैं. हर दिन 24 घंटे आप भगवान का नाम ध्या सकते हैं.
सावन के पहले सोमवार का व्रत कैसे रखें, सावन में क्या करें क्या ना करें हमने इस बारे में अपनी अगली स्टोरी में लिखा आप ये भी पढ़ें
इसी तरह की और स्टोरी पढ़ने के लिए आप हमारे साथ यू ही जुड़े रहिए
Source : News Nation Bureau