इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं ने दिल्ली सरकार (Delhi Govt) की नयी इलेक्ट्रिक वाहन नीति की तारीफ की है और उम्मीद जताई है कि वह प्रोत्साहन योजना से प्रति घंटे 25 किलोमीटर तक की गति वाले ई-स्कूटरों को बाहर रखने के निर्णय पर फिर से विचार करेगी. नीति के अनुसार केवल प्रति घंटा 40 किलोमीटर की गति के साथ दुपहिया इलेक्ट्रिक वाहन ही प्रोत्साहन राशि के योग्य होंगे. सोसाइटी ऑफ मैनुफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति (New Electric Vehicles Policy) में उन अहम बातों को शामिल किया गया है जिनकी इस उद्योग को सही दिशा में आगे बढ़ने में आवश्यकता है.
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गिल ने कहा, ‘‘हालांकि नीति में एक छोटी-सी बात यह छोड़ी गई है कि यह लिथियम बैटरी वाले 25 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार के ई-स्कूटरों का समर्थन नहीं करती जो दिल्लीवासियों में आकर्षक दामों और अत्यधिक कम खर्च में परिचालन के कारण बेहद लोकप्रिय हैं.’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के सहयोग से ई-स्कूटरों की बिक्री कई गुना बढ़ी है. उम्मीद है कि सरकार इस पर विचार करेगी और भविष्य में कुछ बदलाव करेगी.
इलेक्ट्रिक वाहन नीति को आकार देने में करीब से जुड़े दिल्ली डायलॉग एवं विकास आयोग उपाध्यक्ष जैस्मिन शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार की ईवी नीति का मकसद प्रदूषण स्तर कम करने के लिए सामान्य श्रेणी में दुपहिया वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग को बढ़ाना है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी सरकार के संसाधन सीमित होते हैं और उन्हें समझदारी से खर्च करना होता है तथा ईवी नीति के अनुसार उन दुपहिया उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जो अपने वाहनों को स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों से बदलते हैं और वायु प्रदूषण कम करने में मदद करते हैं.’’
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा इस सप्ताह शुरू की गई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अनुसार शहर में 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण 25 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है.
Source : Bhasha