ऑटो और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए सरकार की उत्पादकता से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेगमेंट को काफी फायदा होगा. खासकर दोपहिया वाहनों को, जो आने वाले वर्षो में तेजी से अपनाए जा सकते हैं. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार फंम-2 नीति (उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी) और उन्नत रसायन सेल (भारत में निर्मित बैटरी के लिए सब्सिडी) ऑटो के लिए पीएलआई योजना के भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए ओईएम को बिक्री मूल्य 13 से 18 फीसदी की सीमा में प्रोत्साहन मिलेगा.
देश में ईवी अपनाने को मजबूत आधार
ब्रोकरेज ने कहा है कि भारत में ईवी को तेजी से अपनाने के लिए एक मजबूत आधार है, क्योंकि प्रोत्साहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं, दोनों को कवर करता है. ऑटो कंपोनेंट विनिमार्ताओं के लिए सरकार बैटरी सेल और हाइड्रोजन फ्यूल सेल घटकों के निर्माताओं के लिए अतिरिक्त 5 प्रतिशत प्रोत्साहन के साथ 8-13 प्रतिशत की सीमा में प्रोत्साहन देगी. ब्रोकरेज के अनुसार ऑटो कंपोनेंट स्पेस में बॉश, कॉन्टिनेंटल, डेल्फी ऑटोमोटिव, डेंसो कॉर्पोरेशन जैसी वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियां प्रमुख लाभार्थी होंगी. कोटक ने कहा कि उसकी अपनी समझ से मिंडा इंडस्ट्रीज, एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज, वैरोक इंजीनियरिंग और शैफलर इंडिया इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं.
सरकार ने दे दी है मंजूरी
सरकार ने 26,400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ऑटो उद्योग के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी है, जिसे 57,000 करोड़ रुपये के शुरुआती परिव्यय से घटा दिया गया है. मौजूदा पीएलआई योजना का लक्ष्य भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों में छलांग लगाने और भारत में एक उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखला के उद्भव को प्रोत्साहित करने में सक्षम बनाना है. ऑटो सेक्टर के लिए पीएलआई योजना मौजूदा ऑटोमोटिव कंपनियों के साथ-साथ नए निवेशकों के लिए खुली है, जो इस समय ऑटोमोबाइल या ऑटो कंपोनेंट निर्माण व्यवसाय में नहीं हैं. इस योजना के दो घटक है. चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना यानी बिक्री मूल्य से जुड़ी योजना सभी खंडों के बीईवी और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों पर लागू हैं और घटक चैंपियन प्रोत्साहन योजना 'बिक्री मूल्य से जुड़ी' योजना दोपहिया, तिपहिया, यात्री वाहन, वाणिज्यिक वाहन और ट्रैक्टर के उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी घटक पर लागू हैं.
ये होंगे योजना के पात्र और ये रहेंगे नियम
योजना के तहत 22 घटक प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगे, जिसमें फ्लेक्स फ्यूल किट, हाइड्रोजन फ्यूल सेल, हाइब्रिड एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्ट्स, फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम, ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन असेंबली और इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम, एंटी-ब्रेकिंग सिस्टम, एडवांस शामिल हैं. यह योजना वित्तवर्ष 2023 से पांच वर्षो के लिए प्रभावी होगी और पात्रता मानदंड के लिए आधार वर्ष वित्तवर्ष 2020 होगा. कुल 10 ओईएम, 50 ऑटो कंपोनेंट निर्माता और पांच नए गैर-ऑटोमोटिव निवेशक इस योजना से लाभान्वित होंगे. योजना का लाभ उठाने के लिए ओईएम के पास कम से कम 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व और 3,000 करोड़ रुपये का अचल संपत्तियों में निवेश होना चाहिए. ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं के पास न्यूनतम राजस्व 500 करोड़ रुपये और अचल संपत्तियों में 150 करोड़ रुपये का निवेश होना चाहिए. इसी तरह, नए गैर-ऑटोमोटिव निवेशकों के पास पीएलआई योजना के तहत पात्र होने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वैश्विक शुद्ध मूल्य और उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकियों में निवेश के लिए एक स्पष्ट व्यवसाय योजना होनी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- ईवी को तेजी से अपनाने के लिए एक मजबूत आधार
- योजना के तहत 22 घटक प्रोत्साहन के लिए होंगे पात्र
- 26,400 करोड़ के साथ पीएलआई योजना को मंजूरी