हॉलीवुड अभिनेता रॉबिन विलियम्स की 1997 की फिल्म ‘फ्लबर’ में उड़ने वाली कार (Flying Car) का एक दृश्य है. दशकों से लोगों का सपना रहा है कि जितना आसान सड़कों पर कार दौड़ाना है उतना ही आसान काश उसे आसमान में उड़ाना भी होता. ऐसी कार की चाहत सबसे अधिक लोगों के मन में सड़क पर लंबे जाम में फंसने के दौरान होती है, लेकिन अब यह सपना सच होता दिख रहा है. जापान की स्काईड्राइव इंक (SkyDrive) ने एक व्यक्ति के साथ अपनी उड़ने वाली कार का सफल परीक्षण किया है.
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दुनियाभर में उड़ने वाली कार को लेकर 100 से अधिक चल रही हैं परियोजनाएं
कंपनी ने संवाददाताओं को इसका एक वीडियो दिखाया, जिसमें एक मोटरसाइकिल जैसे वाहन जिसमें लगे प्रणोदकों ने उसे जमीन से कई फुट (एक से दो मीटर) की ऊंचाई पर उड़ाया. यह मोटरसाइकिल एक निश्चित क्षेत्र में चार मिनट तक हवा में रही. स्काइड्राइव की इस परियोजना के प्रमुख तोमोहिरो फुकुजावा ने कहा कि उन्हें 2023 तक उड़ने वाली कार के वास्तविक उत्पाद के तौर पर सामने आने की उम्मीद है. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि इसे सुरक्षित बनाना एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में उड़ने वाली कार को लेकर 100 से अधिक परियोजनाएं चल रही हैं. उनमें से कुछ ही ऐसी परियोजनाएं हैं जो एक व्यक्ति को लेकर उड़ान भरने में सफल रही हैं.
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फुकुजावा ने कहा किी मुझे आशा है कि कई लोग इसे चलाना चाहते हैं और सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह अभी पांच से 10 मिनट ही उड़ सकती है, लेकिन इसके उड़ान समय को बढ़ाकर 30 मिनट किया जा सकता है। इसमें कई संभावनाएं हैं और इन्हें चीन जैसे देशों में निर्यात भी किया जा सकता है. स्काईड्राइव परियोजना पर 2012 में एक स्वैच्छिक परियोजना के तौर पर काम शुरू किया गया था। इस परियोजना को जापान की प्रमुख वाहन कंपनी टोयोटा मोटर कॉर्प, इलेक्ट्रॉनिक कंपनी पैनासॉनिक कॉर्प और वीडियो गेम कंपनी नैमको ने वित्त पोषण दिया था. तीन साल पहले भी इस कार का एक परीक्षण किया गया जो असफल रहा था. वैसे 1962 में बच्चों के एनिमेटेड कार्यक्रम ‘द जेटसंस’ में भी भविष्य में उड़ने वाली कार की परिकल्पना रखी गयी थी.