केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने वाहनों (Vehicle) पर माल एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती की उद्योग जगत (Auto Industry) की मांग से सहमति जताते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से इस बारे में चर्चा करेंगे. भारी उद्योग मंत्री ने यह भी बताया कि वाहनों की कबाड़ नीति का प्रस्ताव तैयार हो चुका है और सभी संबंधित पक्षों ने इस पर राय दे दी है. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस नीति की घोषणा संभव है. जावड़ेकर ने वाहनों के लिये जीएसटी दरों में कटौती की संभावना के बारे में कहा कि वित्त मंत्रालय प्रस्ताव पर काम कर रहा है.
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हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि तार्किक तरीके से सोचें तो दोपहिया वाहन, तिपहिया वाहन, सार्वजनिक परिवहन वाहनों की अलग श्रेणी तथा इसके बाद चार पहिया वाहन... इस तरह से क्रम हो सकता है. मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को जल्दी ही कुछ अच्छी खबर मिलेगी. जावड़ेकर ने वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के 60वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि मांग को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने कहा कि मोटर वाहन उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये महत्वपूर्ण है और हम अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिये प्रोत्साहन प्रदान करके उद्योग का समर्थन करना चाहेंगे, विशेष रूप से निर्यात पर ध्यान देकर.
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जीएसटी दरें घटाने की वाहन उद्योग की मांग पर प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से करेंगे चर्चा
मंत्री ने कहा कि वह जीएसटी दरें घटाने की वाहन उद्योग की मांग पर निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को लगता है कि वाहनों पर जीएसटी की दरें घटाने से अंतत: सरकार को फायदा होगा. आप लोग स्थायी कटौती की भी मांग नहीं कर रहे हैं. आप एक तय अवधि के लिये ऐसा करने को कह रहे हैं, अत: मैं निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री समेत वित्त मंत्री तथा अन्य संबंधित लोगों से इस बारे में चर्चा करूंगा. जावड़ेकर ने कहा कि हो सकता है हम तुरंत जीएसटी दरें घटाने पर सहमत न हों, लेकिन यह अंतिम इनकार नहीं होगा. निश्चित तौर पर आगे का कुछ रास्ता मिलेगा, जो मुझे दिख भी रहा है और इस दिशा में प्रगति होगी.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने उद्योग जगत के साथ एक बातचीत में कहा था कि दोपहिया वाहन न तो लक्जरी और न ही नुकसानदेह सामान है, अत: जीएसटी दर में संशोधन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद द्वारा एक दर संशोधन प्रस्ताव लाया जायेगा. दोपहिया वाहनों पर अभी 28 फीसदी जीएसटी लगता है. जीएसटी दरें केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद द्वारा तय की जाती हैं, जिसमें सभी राज्यों के वित्त या कराधान प्रभारी मंत्री शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि चैंपियन निर्यात योजना भी शीघ्र ही शुरू होने वाली है. उन्होंने कहा कि योजना की विस्तृत चीजों पर काम जारी है और इससे भारत में कच्चा माल जुटाने वाली कंपनियों को फायदा होने की उम्मीद है. इससे उच्च निर्यात संभावना वाले उद्योगों को भी फायदा होगा. भारी उद्योग मंत्रालय ने पिछले साल पांच हजार इलेक्ट्रिक बसों को बहाल करने के बारे में राज्य परिवहन निगमों से रूचि पत्र मंगाया था. जावड़ेकर ने कहा कि मैंने निर्देश दिया है कि कई अच्छी भारतीय कंपनियां इलेक्ट्रिक बसें बना रही हैं, अत: भारतीय कंपनियों पर ही ध्यान केंद्रित होना चाहिये.