Car Tips: जब भी कोई ग्राहक कार खरीदने के लिए बाजार की ओर रुख करता है उसकी चाहत होती है ज्यादा माइलेज देने वाली कार पर ही पैसा खर्च हो. हो भी क्यूं ना ज्यादा माइलेज मतलब ज्यादा दूरी कवर कर पाना और इससे फ्यूल में लगने वाले खर्च की बचत भी होती है. शुरुआत में तो आप पैसा ज्यादा माइलेज वाली कार पर खर्च कर लेते हैं लेकिन समय की रफ्तार के साथ कार की रफ्तार धीमी पड़ने लग जाती है.
कार नई जैसी नहीं रहती ऊपर से इस पर खर्च और बढ़ जाता है. अगर आपके साथ भी आपकी पुरानी को लेकर ये परेशानी आ रही है तो इसकी वजह आप की कुछ गलत आदतें हो सकती हैं. कार की माइलेज को बहुत हद तक बढ़ाया जा सकता है. आइए जानते हैं कैसे:
कार चलाने के लिए सही होनी चाहिए स्पीड
जब आप भीड़ भरी जगह से निकल रहे हों तब तो कार की स्पीड कम होनी ही चाहिए लेकिन जब आप नॉर्मल रोड पर कार ड्राइव करते हैं तो आपकी स्पीड एवरेज होनी चाहिए. जिसका साफ मतलब है कि आप को ना ज्यादा तेज स्पीड में गाड़ी दौड़ानी है ना ही बहुत धीमी रखनी है. कार की एवरेज स्पीड 45- 55 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. सही स्पीड में गाड़ी चलाना कार की माइलेज को प्रभावित नहीं करता.
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ब्रेक लगाना और तेज एक्सीलेटर दबाना गलत
कई बार कार ड्राइविंग के दौरान आनन- फानन में ब्रेक लगाने की जरूरत आ पड़ती है. ऐसी स्थिति में तो ब्रेक लगाना ठीक लेकिन कोशिश करें कि कार ड्राइव करते हुए बार- बार ब्रेक लगाने की आदत से बचें. ऐसा करना आपके फ्यूल की खपत को बढ़ाता है इसका सीधा असर कार की माइलेज पर भी पड़ता है.
नाइट्रोजन गैस का हो टायर में इस्तेमाल
जानकारों की मानें तो कार के टायर में कम हवा होना भी कार की माइलेज को कंट्रोल करता है. जब भी आपकी कार के टायर में हवा कम हो तो इसका सीधा प्रभाव कार की माइलेज पर आ बनता है. ऐसे में कोशिश करें कि कार के टायर में नाइट्रोजन गैस हो और हवा पूरी हो.
Source : News Nation Bureau