कोरोना वायरस महामारी से जून तिमाही में यात्री वाहनों के निर्यात पर पड़ा बुरा असर

कोरोना वायरस महामारी संबंधी व्यवधानों के कारण दुनिया भर में मांग घटने से भारत से यात्री वाहनों का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 75 प्रतिशत गिर गया.

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Dalchand Kumar
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कोविड-19 से जून तिमाही में यात्री वाहनों के निर्यात पर पड़ा बुरा असर( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कोरोना वायरस महामारी संबंधी व्यवधानों के कारण दुनिया भर में मांग घटने से भारत से यात्री वाहनों का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 75 प्रतिशत गिर गया. वाहन बनाने वाली कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) के आंकड़ों के अनुसार, कुल यात्री वाहनों का निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 43,748 इकाई रह गया, जो कि एक साल पहले की अवधि में 1,73,054 इकाई था. 2019-20 की अप्रैल-जून अवधि में 1,36,204 इकाइयों की तुलना में यात्री कार निर्यात 76.58 प्रतिशत घटकर 31,896 इकाई रह गया.

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इसी प्रकार, उपयोगिता वाहनों का निर्यात समीक्षाधीन अवधि में 67.56 प्रतिशत घटकर 11,813 इकाई रहा. एक साल पहले यह 36,418 इकाई था. इसी तरह पहली तिमाही में महज 39 वैन का निर्यात किया जा सका, जो साल भर पहले के 432 वैन की तुलना में 90.97 प्रतिशत कम है. सिआम के महानिदेशक राजेश मेनन ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में यात्री वाहनों के निर्यात में 75 प्रतिशत की गिरावट विश्व स्तर पर कोविड-19 से संबंधित व्यवधानों के कारण हुई है. महामारी के कारण संयंत्रों और डीलरशिप को बंद करने, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, शहरों में कर्फ्यू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में रुकावट आयी है.'

भारत से यात्री वाहनों का निर्यात मुख्य रूप से लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप और एशिया के देशों में किया जाता है. वाहन निर्माताओं के बीच, हुंदै मोटर इंडिया ने अप्रैल-जून में सर्वाधिक 12,688 इकाइयों का निर्यात किया. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कंपनी का निर्यात 74.73 प्रतिशत कम रहा. इसके बाद मारुति सुजुकी इंडिया रही, जिसने पहली तिमाही के दौरान 9,410 वाहनों का निर्यात किया. यह साल भर पहले की तुलना में 65 फीसदी कम रहा. किआ मोटर्स ने 5,395 इकाइयों का निर्यात किया, जबकि फोर्ड इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से 84.53 प्रतिशत नीचे 5,209 इकाइयों का निर्यात किया.

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इसी तरह फॉक्सवैगन इंडिया ने एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 77.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,154 इकाइयों का निर्यात किया. जनरल मोटर्स के पहली तिमाही में निर्यात में 84.06 प्रतिशत की गिरावट रही और यह 3,186 इकाई रहा. निसान मोटर इंडिया का निर्यात 80.92 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,127 इकाइयों पर आ गया. महिंद्रा एंड महिंद्रा का निर्यात एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 896 इकाई रहा जो सालाना आधार पर 79.73 फीसदी कम है.

एफसीए इंडिया 475 इकाइयों का जबकि होंडा कार्स ने 142 इकाइयों का निर्यात किया. इसके अलावा, टाटा मोटर्स ने 15 इकाइयों का और रेनॉ इंडिया ने 24 इकाइयों का निर्यात किया. इसुजु मोटर्स ने पहली तिमाही के दौरान 11 इकाइयों का निर्यात किया.

Source : Bhasha

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