FASTag Digital Service: भारत सरकार द्वारा वाहन चालकों को दी गई टोल कलेक्शन की इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था फास्टटैग सर्विस है. कई वाहन चालकों द्वारा इस डिजिटल पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल किया जाता है. एगर आप भी फास्टैग का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इससे जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियों का पता होना चाहिए. क्यों कि जानकारियों के अभाव में आपको पैसों की चपत लग सकती है. हाल ही में एक फास्टैग से जुड़ा एक मामला सुर्खियों में आया था, जिसमें कार चालक की कार घर में खड़ी होने के बावजूद तीन बार टोल काटा गया.
इस मामले में पहले तो साइबर फ्रॉड की आशंका जताई जा रही थी हालांकि बाद में इसे बैंक की एक गलती माना गया. आपके साथ ऐसा ना हो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
कार बेचने की तैयारी कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि कार किसी दूसरे ग्राहक की होने से पहले फास्टैग डिएक्टीवेट करवा दिया जाए. क्यों कि अगर किसी कारणवश आप ऐसा करना भूल गए तो दूसरा चालक इसका फायदा ले सकता है. जब तक इसे डिएक्टीवेट नहीं करवाया जाएगा दूसरा फास्टैग उसी गाड़ी के लिए इशू नहीं करवाया जा सकता.
फास्टैग का इस्तेमाल करते हैं तो अपने बैलेंस का ध्यान रखना भी जरूरी है. कई बार इसकी जानकारी ना हो पाना आपका अकाउंट खाली करवा सकता है, हालांकि पैसे कटने की स्थिति में बैंक भी डिडक्शन की जानकारी उपलब्ध करवाता है लेकिन बैलेंस की जानकारी रखनी चाहिए.
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किसी भी ऐसे अमाउंट डिडक्शन के मैसेज जो कि आपने नहीं किया है, को हल्के में लेने की भूल ना करें. भले ही अमाउंट बहुत ज्यादा ना हो इसके लिए सचेत रहें. इसके लिए 1033 टोलफ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.
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Source : News Nation Bureau