अमेरिकन कार कम्पनी फोर्ड मोटर्स भारत से जाने के लिये तैयार है, और इस खबर ने फोर्ड की कार चलाने वाले ग्राहकों की नींद उड़ा दी है, दरअसल कंपनी ने 2 अरब डॉलर का घाटा खाने के बाद भारत से बोरिया बिस्तर समेटने का ऐलान किया है. जिसके बाद वो लोग जो फोर्ड की इकोस्पोर्ट, फोर्ड एंडेवर या फोर्ड की कोई और गाड़ी चला रहे हैं उन्हे समझ नहीं आ रहा की उनकी गाड़ी की सर्विस-मेंटनैंस का काम कैसे होगा, तो हम आपको बताएगें की कंपनी अपने ऐसे ग्राहकों के लिये क्या करने जा रही है. लेकिन पहले ये जान लिजिये की फोर्ड की इंडिया से वापसी के मायने क्या हैं.
फोर्ड मोटर कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ जिम फार्ले की तरफ से जारी बयान से एक चीज़ जो स्पष्ट है वो ये की अब फोर्ड भारत में मैनुफैक्चरिंग प्लांट बंद करने जा रही है, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि फोर्ड इंडिया 2021 की चौथी तिमाही तक साणंद वाले प्लांट को और चेन्नई में वाहन एसेंबली प्लांट को 2022 की दूसरी तिमाही तक बंद कर देगी. ये दोनों वो प्लांट है जहां फोर्ड इकोस्पोर्ट, फोर्ड फिगो और एस्पायर का प्रोडक्शन होता था.
ग्राहकों को मिलती रहेगी सर्विस
कंपनी ने अपने ग्राहको को ये कहा है कि वो परेशान न हो कंपनी प्लांट में मैनुफैक्चरिंग जरुर बंद कर रही है पर साणंद से इंजन मैनुफेक्चरिंग को जारी रखेगी जिससे भारत में ग्राहको को पार्ट्स, सर्विस और वारंटी मिलती रहेगी, कंपनी इसके लिये शहर आधारित फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस टीम का भी विस्तार करेगी साथ ही कुछ इलेक्ट्रिक एसयूवी लाने पर विचार कर रही हैं.
ये कारें हो जाएगीं चलन से बाहर
सूत्रों के अनुसार कंपनी ने अपने इम्पलॉय को फोर्ड एंडेवर और मस्टेंग को छोड़कर सभी गाड़ियों जिनमें फिगो, एस्पायर, फ्रीस्टाइल, इकोस्पोर्ट की यूनिट निकालने के लिये कह दिया है यानि कंपनी अब सिर्फ आयातित गाड़िया मार्केट में उतारेगी, जिनमें एंडेवर और मस्टेंग को कन्टीनियू रखा जाएगा.
कई लोगों की नौकरियों पर तलवार
इन प्लांट्स के बंद होने का सीधा असर इनमें काम कर रहे चार हजार से ज्यादा कर्मचारियों पर पड़ेगा. उनकी नौकरी जानी तय मानी जा रही है. भारत में इस समय फोर्ड कंपनी में कुल 11 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. गुजरात के साणंद वाला प्लांट इस साल दिसंबर के बाद और चेन्नई वाला प्लांट अगले साल मार्च के बाद बंद हो जाएगा.