कार ग्राहकों को बड़ा झटका! देश भर में महंगी होंगी बड़ी गाड़ियां. अभी हाल ही में जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक हुई थी, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने बड़ा ऐलान किया है. दरअसल इस बैठक में मल्टी पर्पस कारों (MUV) पर 22 प्रतिशत कंपनसेशन सेस लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है, जिससे एसयूवी और एमयूवी एक ही ब्रैकेट के अंदर आ गई हैं. बता दें कि यह सेस 28 प्रतिशत जीएसटी के अतिरिक्त लगाया गया है, जिसने कार ग्राहकों की टेंशन बढ़ा दी है.
ये कारें होंगी महंगी...
जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में उन कारों का बेसिक पैरामीटर भी तय किया है, जिनपर सेस बढ़ाया गया है. इसके मुताबिक ऐसी कारें जिनकी लंबाई 4,000 मिमी से ज्यादा है, जिनमें 170 मिमी से ज्यादा का अनलोडेड ग्राउंड क्लीयरेंस और 1500 सीसी से ज्यादा क्षमता वाला इंजन है, वहीं 22 प्रतिशत सेस केटेगरी में समाहित हैं. हालांकि जीएसटी काउंसिल ने ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सेडान कारें ऊंचे सेस के अंदर नहीं आएंगी, लिहाजा इनकी कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
गौरतलब है कि मारुति इनविक्टो और हाइक्रॉस जैसी हाइब्रिड कारों पर अभी भी 15 प्रतिशत की कम दर से ही सेस लगेगा. लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो हाई सेस ब्रैकेट में आने से एमपीवी की कीमते बढ़ना तो तय है. वहीं अनलोडेड ग्राउंड क्लीयरेंस मानको को पूरा करने के चलते कुछ एसयूवी की कीमतों में इजाफा भी दर्ज किया जा सकता है.
ध्यान रहे...
ध्यान रहे कि नियम कहता है, अगर आपकी कार कम इंजन आकार वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी है, तो बढ़े सेस का इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जबकि बड़ी एसयूवी और एमपीवी इस कैटेगरी में आएगी. इसी के मद्देनजर मारुति या हुंडई जैसी मशहूर वाहन निर्माता कंपनियों की कई गाड़ियों में कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं की जाएगी. मगर टक्सन, महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन और टाटा सफारी जैसी एसयूवी की कीमत आने वाले समय में अभी के मुकाबले ज्यादा होंगी.
Source : News Nation Bureau