अप्रैल के महीने में वाहनों की खरीदारी में कमी आई है. अगर बीते महीनों की बात करें तो वाहनों की खुदरा बिक्री दर में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इस संबंध में FADA द्वारा साझा किए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं. दोपहिया वाहनों की खरीदारी सबसे कम हुई है, इसमें 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. FADA ने GST काउंसिल से टू व्हीलर्स पर GST 28 से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की है. फाडा चाहता है कि अगर जीएसटी घटाया गया तो बिक्री पर काफी फर्क पड़ेगा और दुकान पर खरीददार आएंगे.
क्या बाइक इंडस्ट्री के लिए कोई खुशखबरी है?
बता दें कि ऑटो इंडस्ट्री में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 75 फीसदी तक है. हालांकि लंबे समय से इस बाइक क्षेत्र की बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. अगर दोपहिया वाहनों की इतनी कम खरीदारी हुई है तो यह दर्शाता है कि गांव की अर्थव्यवस्था बहुत कमजोर हो गई है. अब देखना होगा कि आने वाले कुछ महीनों में बाजार में तेजी आती है या नहीं. क्योंकि आने वाले कुछ महीनों में शादियों की लहर शुरू हो जाएगी. ऐसे में बाइक डीलर्स को उम्मीद होगी कि बाइक की बिक्री बढ़ेगी.
आखिर ई-रिक्शे ने कैसे जगह बना ली है
अब सवाल यह है कि बाइक और कारों की मांग तो कम है, लेकिन तीन पहिया वाहनों का क्रेज इतना क्यों जोर पकड़ चुका है. तीन पहिया उद्योग में काफी वृद्धि हुई है. ई-रिक्शा और पैसेंजर सेगमेंट के वाहनों की खरीदारी जोरों पर है. खुदरा बिक्री में तीन पहिया वाहनों की खरीदारी करीब 57 फीसदी रही है। वहीं, अन्य ट्रैक्टर और कमर्शियल वाहनों की बिक्री में भी एक से दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ई-रिक्शा की मांग खासतौर पर छोटे शहरों में है, जहां धीरे-धीरे आबादी बस रही है. इसके साथ ही दिल्ली, कोलकाता जैसे शहरों में ई-रिक्शा की मांग बढ़ गई है. आपने देखा होगा कि आज सभी इन शहरों में बड़ी संख्या में ई-रिक्शा दिखाई दे रहे हैं. इन सभी ई-रिक्शा ने रिक्शा की जगह ले ली है.
HIGHLIGHTS
- GST 28 से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की है
- बाइक और कारों की मांग तो कम है
- इन सभी ई-रिक्शा ने रिक्शा की जगह ले ली है
Source : News Nation Bureau