क्या आपके पास भी कार है? अगर हां, तो ये खबर आपके काम की है. अक्सर देखा जाता है कि कार चलाने वाले कई लोग रेड लाइट होने पर सिंग्नल पर अपनी कार को बंद कर देते हैं? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कार को बंद करना सही होता है? आज हम इस खबर के जरिए जानेंगे कि क्या कार को रेड लाइट में बंद करने से क्या होता है? ट्रैफिक सिग्नल पर रुकते समय कार को बंद करना एक ऐसा विषय है जिस पर अक्सर बहस होती है. ये फैसला लेना कि ट्रैफिक सिग्नल पर कार को बंद करना सही है या नहीं, कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि ईंधन की बचत, पर्यावरणीय प्रभाव, इंजन की लाइफ जैसे आदि चीजों पर, इस आर्टिकल में हम इन सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
क्या रेड लाइट में कार बंद करने से होता है नुकसान?
अगर हम रेड लाइट होने पर गाड़ी बंद कर देते हैं तो ट्रैफिक सिग्नल पर ज्यादा देर तक इंजन चलाने से ईंधन की खपत बढ़ जाती है. कार को बंद करने से ईंधन की बचत होती है. अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ सेकंड के लिए भी कार को बंद करने से ईंधन की खपत कम हो जाती है. साथ ही आप थोड़ा सा पर्यावरण को लेकर सोचते हैं तो उसके मायने से ये सही होता है. इंजन बंद करने से उत्सर्जन में कमी आती है, जिससे वायु प्रदूषण कम होता है. कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसों का उत्सर्जन घटता है, जिससे पर्यावरण को फायदा होता है.
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इंजन के ऊपर क्या होता है असर?
अब देखते हैं कि इसका कार के इंजन पर क्या असर पड़ता है? इंजन को लगातार चलाने से इंजन के हिस्सों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे इंजन की लाइफ कम होती है. कार को बंद करने से ये दबाव कम हो जाता है. हालाँकि, इंजन को बार-बार चालू और बंद करने से इंजन को कुछ हद तक नुकसान होता है, लेकिन आधुनिक कारों में यह प्रभाव कम होता है. इंजन बंद करने से शोर कम हो जाता है, जिससे शांति बनी रहती है और ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है. अगर आपकी कार में दिक्कत बंद और स्टार्ट का है तो भूलकर भी अपनी कार को बंद नहीं करें नहीं तो ट्रैफिक के बीच अगर बंद हो जाता है जाम लग जाएगा और आप परेशान हो जाएंगे. ये अक्सर पुरानी गाड़ियों में देखा जाता है.
Source : News Nation Bureau