एंबेसडर कार (Ambassador Car) एक समय नौकरशाहों और नेताओं की पसंदीदा सवारी रही है. हालांकि इस कार को आम आदमी ने भी खूब पसंद किया था. सही मायने में अगर देखा जाए तो मेक इन इंडिया की शुरुआत एंबेसडर कार से माना जा सकता है. बता दें कि हिंदुस्तान मोटर्स (Hindustan Motors) ने 1958 में एंबेसडर कार को निकाला था. शुरुआत में एंबेसडर कार की कीमत 14 हजार रुपये थी. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 में एंबेसडर की कीमत बढ़कर 5.22 लाख रुपये हो गई है. आज भी सड़कों पर बड़ी शान के साथ यह कार दिखाई पड़ जाती है. बता दें कि एंबेसडर की पहले जेनरेशन कार में 1,489 cc डीजल इंजन लगा हुआ था. एंबेसडर कार काफी मजबूत थी और यह काफी वजन भी सह सकती थी. यही नहीं भारतीय सड़कों पर गड्ढों पर भी फर्राटे से घूमती थी और साथ ही इस कार के ऊपर ज्यादा खर्च भी नहीं था.
1958 से एंबेसडर के 7 जेनरेशन मार्केट में हो चुके हैं लॉन्च मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1958 से एंबेसडर के 7 जेनरेशन मार्केट में लॉन्च हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक एंबेसडर का पहला जेनरेशन Mark 1 और आखिरी जेनरेशन इनकोर था. बता दें कि एंबेसडर इनकोर BS-IV इमिशन स्टैंडर्ड को पूरा करने के लिए आखिरी मॉडल थी. आज के समय में भले ही मौजूदा कार बनाने वाली कंपनियों के मुकाबले एंबेसडर की पकड़ बाजार पर ढीली हो चुकी है लेकिन एक दौर यह भी था जब इसने दशकों तक देश की सड़कों पर राज किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2013 में ग्लोबल आटोमोटिव प्रोग्राम टॉप गियर में एंबेसडर को बेहतरीन कार के रूप में माना गया था. भारतीय बाजार में मारूति सुजूकी के आने से पहले हिंदुस्तान मोटर्स ही देश की टॉप ऑटो कंपनी के तौर पर मानी जाती थी.
एंबेसडर को 1960 और 1970 के दशक में एक स्टेट्स सिंबल के रूप में देखा जाता था. मजबूत बनावट और कंफर्टेबल राइड के लिए एंबेसडर को भारतीय सड़कों का राजा भी कहा जाता था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 में उत्पादन बंद होने से पहले हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर की कुल यूनिट्स में से 16 फीसदी यूनिट भारत सरकार ने खरीद ली थी.
HIGHLIGHTS
2014 में एंबेसडर कार की कीमत बढ़कर 5.22 लाख रुपये हो गई है
एंबेसडर की पहले जेनरेशन कार में 1,489 cc डीजल इंजन लगा हुआ था