अपनी बनावट और फीचर्स की वजह से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में आवाज हलकी होती है या फिर न के बराबर होती है. लेकिन इन सब को देखते हुए सरकार नए-नए ऑप्शंस भी लेकर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा निर्णय इसलिए लिया जा रहा है ताकि सड़क पर सामने से कोई गाड़ी आ रही है और वह किसी भी दुर्घटना से बच सके. उद्योग मंत्रालय ने इस बारे में संबंधित विभागों को संभावनाएं तलाशने के निर्देश दे दिए हैं. एक बार विकल्प हाथ लग जाएगा तब फिर वाहनों में आवाज को नापा जाएगा. आंकलन इस बात का होगा कि कहीं इससे ध्वनि प्रदूषण तो नहीं फैल रहा है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक इलेक्ट्रिक गाड़ियों में आवाज के लिए नए नियम जारी किए जाएंगे. जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए वाहनों में आवाज पैदा करने वाली मशीन लगाना ज़रूरी हो जाएगा. ये सब करना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि लोग किसी भी दुर्घटना से बच सके. सामने वाले इंसान को पता चल सके की कोई गाड़ी आने वाली है या आ रही है.
आवाज जोड़े जाने के बाद भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां, सामान्य गाड़ियों के मुकाबले शांत ही रहेंगी. साथ ही शहरी इलाकों में तो उनकी आवाज और भी कम सुनाई देगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्ट्रिक कारों में ऐसी मशीन लगाई जाएगी जो आम गाड़ियों की मशीन की तरह आवाज करेगी. इस मशीन को एकोस्टिक व्हीकल अलर्ट सिस्टम (एवास) का नाम दिया जाएगा. हालांकि, कार के मालिकों को यह अधिकार दिया जाएगा कि वे जरूरत पड़ने पर कार की आवाज़ तेज और कम अपनी सुविधा के अनुसार कर सकें.
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Source : News Nation Bureau