राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कार निर्माता मर्सिडीज बेंज द्वारा उत्सर्जन आंकड़ों में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाने वाली एक याचिका को खारिज करने के अपने आदेश पर पुनर्विचार के अनुरोध वाली अर्जी को अस्वीकृत कर दिया है. एनजीटी ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि कानून का उल्लंघन होने की बात साबित करने के लिए पुख्ता सामग्री नहीं है.
एनजीटी के प्रमुख न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पुनर्विचार याचिका पुन: सुनवाई कराने का एक प्रयास है, जो स्वीकार्य नहीं है. पीठ ने कहा कि जर्मन संघीय मोटर परिवहन प्राधिकरण, केबीए की वेबसाइट पर 12 मई 2020 का एक विवरण है, जिसमें कंपनी को जिम्मेदार ठहराया गया है जो अपने आप में कार्रवाई के लिहाज से पर्याप्त है। हम आदेश पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं देखते.
एनजीटी ने 19 अक्टूबर को कंपनी द्वारा उत्सर्जन आंकड़ों में हेरफेर का आरोप लगाने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. अधिकरण ने कहा, ‘‘ना तो आवेदक पीड़ित होने का दावा करते हैं और ना ही ऐसी कोई सामग्री है, जो आवेदक को नुकसान होने की बात प्रदर्शित करती हो. एनजीटी तनुज मित्तल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.