राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने गुरुवार को जर्मनी की वाहन निर्माता फॉक्सवैगन पर डीजल कारों में उत्सर्जन जांच में गड़बड़ी करने के लिए 'चीट डिवाइस' का इस्तेमाल करने पर 500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. प्राधिकरण ने कंपनी को दो महीने के भीतर राशि जमा करने का आदेश दिया. एनजीटी द्वारा नियुक्त समिति ने इससे पहले 171.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी, जिसमें पीठ ने गुरुवार को अपने आदेश में बढ़ोतरी कर दी.
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हालांकि, फॉक्सवैगन ने कहा कि उसने भारत स्टेज-4 (बीएस-4) उत्सर्जन नियमों का उल्लंघन नहीं किया और इसके परिणाम 'सड़क पर हुई जांच' पर आधारित है, जिसके लिए कोई निर्धारित मानक नहीं है.
भारत स्टेज, मोटर वाहनों से निकले वायु प्रदूषकों के उत्सर्जन को विनियमित करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित मानक हैं. एनजीटी चेयरपर्सन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सतत विकास मुख्य गाइडिंग फैक्टर है..हम रिपोर्ट पर निर्माता की आपत्ति स्वीकार करने में असमर्थ हैं.
पीठ ने दिल्ली की एक शिक्षिका सलोनी एैलावाडी की याचिका पर यह आदेश पारित किया है.
Source : IANS