केंद्र सरकार ने बुधवार को ईवीएस जैसे अक्षय और पर्यावरण के अनुकूल ऑटोमोबाइल को बढ़ावा देने के लिए एक पीएलआई योजना को मंजूरी दी. आत्मनिर्भर भारत के विजन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्र ने 26,058 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ ऑटोमोबाइल उद्योग और ड्रोन उद्योग के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी है. ऑटो क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना उच्च मूल्य के उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी वाहनों और उत्पादों को प्रोत्साहित करेगी. यह उच्च प्रौद्योगिकी, अधिक कुशल और हरित ऑटोमोटिव निर्माण में एक नए युग की शुरूआत करेगा.
ऑटोमोबाइल उद्योग और ड्रोन उद्योग के लिए पीएलआई योजना केंद्रीय बजट 2021-22 के दौरान 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पहले किए गए 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की समग्र घोषणा का हिस्सा है. 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की घोषणा के साथ, भारत में न्यूनतम अतिरिक्त उत्पादन 5 वर्षों में लगभग 37.5 लाख करोड़ होने की उम्मीद है और 5 वर्षों में न्यूनतम अपेक्षित अतिरिक्त रोजगार लगभग 1 करोड़ है.
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ऑटो क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना में भारत में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्माण के लिए उद्योग की लागत अक्षमताओं को दूर करने की परिकल्पना की गई है. प्रोत्साहन संरचना उद्योग को उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों की स्वदेशी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए नए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
यह अनुमान है कि पांच वर्षों की अवधि में, ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक उद्योग के लिए पीएलआई योजना से 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश होगा, 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन होगा और 7.5 लाख से अधिक नौकरियों के अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसके अलावा इससे वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी.
ऑटो क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना मौजूदा ऑटोमोटिव कंपनियों के साथ-साथ नए निवेशकों के लिए खुली है, जो वर्तमान में ऑटोमोबाइल या ऑटो घटक विनिर्माण व्यवसाय में नहीं हैं. इस योजना के दो घटक हैं अर्थात चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना और घटक चैंपियन प्रोत्साहन योजना. चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना एक बिक्री मूल्य संबंद्ध स्कीम है, जो सभी सेगमेंट के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों पर लागू होती है. घटक चैंपियन प्रोत्साहन योजना एक बिक्री मूल्य संबंद्ध स्कीम है, जो वाहनों के उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी घटकों, कंप्लीटली नॉक्ड डाउन (सीकेडी)/सेमी नॉक्ड डाउन (एसकेडी) किट, दुपहिया, तिपहिया, यात्री वाहनों के एग्रीगेट्स, वाणिज्यिक वाहन और ट्रैक्टर आदि पर लागू होती है.
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ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए यह पीएलआई योजना उन्नत केमिस्ट्री सेल (18,100 करोड़) और इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण का तीव्र अंगीकरण (10,000 करोड़) के लिए पहले से शुरू की गई पीएलआई योजना के साथ-साथ भारत को ऑटोमोबाइल परिवहन प्रणाली आधारित पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के स्थान पर पर्यावरण की ²ष्टि से स्वच्छ, टिकाऊ, उन्नत और अधिक कुशल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आधारित प्रणाली के प्रयोग में सक्षम बनाएगी.
ड्रोन और ड्रोन घटक उद्योग के लिए पीएलआई योजना इस क्रांतिकारी तकनीक के रणनीतिक, सामरिक और परिचालन उपयोगों का समाधान करती है. स्पष्ट राजस्व लक्ष्य के साथ ड्रोन के लिए उत्पाद विशिष्ट पीएलआई योजना और घरेलू मूल्यवर्धन पर ध्यान केंद्रित करना क्षमता निर्माण और भारत की विकास रणनीति के इन प्रमुख चालकों को बनाने की कुंजी है. ड्रोन और ड्रोन घटक उद्योग के लिए पीएलआई, तीन साल की अवधि में 5,000 करोड़ के निवेश को बढ़ावा देगा, 1500 करोड़ की योग्य बिक्री में वृद्धि करेगा और लगभग 10,000 नौकरियों के साथ अतिरिक्त रोजगार पैदा करेगा.