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कार की मजबूती को जांचने के लिए जानें ये ट्रिक, बस एक मिनट में पता चलेगा सबकुछ

Bharat NCAP ने जारी किया सेफ्टी स्टीकर, क्रैश टेस्ट में भेजी जाने वाली गाड़ियों पर QR कोड वाला स्टीकर लगाया जाएगा. इसे स्कैन करके व्हीकल की सेफ्टी रेटिंग का पता किया जा सकता है.

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Mohit Saxena
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nitin gadkari

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नई कार खरीदने जा रहे हैं तो पहले उसकी सेफ्टी रेटिंग का पता लगाना अब बहुत आसान हो चुका है. इसके लिए बस एक ट्रिक की जरूरत है. यह कुछ और नहीं Bharat NCAP का स्टीकर है. दरअसल अब गाड़ियों पर QR कोड वाला स्टीकर लगाया जाएगा. इसे स्कैन करके व्हीकल की सेफ्टी रेटिंग और सेफ्टी फीचर्स का पता लगाया जा सकता है. 

भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) ने कारों के सेफ्टी रेटिंग वाला एक QR कोड स्टीकर पेश किया है. ये पहल व्हीकल सेफ्टी को लेकर जागरूकता लाएगी. वहीं उपभोक्ता स्टीकर में बने क्यूआर कोड के जरिए गाड़ी सेफ्टी फीचर्स को जान सकेंगे. 

Bharat NCAP उन ऑटोमोबाइल कंपनियों को QR कोड स्टीकर बांटेगा, जो व्हीकल सेफ्टी प्रोग्राम के तहत क्रैश टेस्टिंग को लेकर भेजा जाएगा. इस स्टीकर को स्कैन करने के बाद मैनुफैक्चरर का नाम समेत व्हीकल या मॉडल का नाम जाना जा सकता है. इसके अलावा  टेस्टिंग डेट, एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग्स की भी जानकारी मिलती है. इस स्टीकर को स्कैन करने के बाद यूजर व्हीकल की सेफ्टी डिटेल को जान पाएंगे. 

चाइल्ड और एडल्ट सेफ्टी दोनों को देखेगी

आपको बता दें कि कार की मजबूती को जाननें के लिए गाड़ियां को BNCAP क्रैश टेस्ट प्रोग्राम में ​भाग लेना होता हे. इस टेस्टिंग में टाटा सफारी, नेक्सॉन ईवी, हैरियर और पंच ईवी के नाम हैं. इन सभी मॉडल्स को 5-स्टार सेफ्टी मिली है. ये चाइल्ड और एडल्ट सेफ्टी दोनों के लिए रखी गई है. 

30 से अधिक गाड़ियों ने किया अप्लाई 

बीते साल रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने ग्लोबल एनसीएपी के साथ गठजोड़ से भारत एनसीएपी सेफ्टी रेटिंग प्रोग्राम को लॉच किया था. इस क्रैश टेस्ट पॉलिसी को अपनाने वाला भारत पांचवा देश होगा, जिसने इस तरह के सेफ्टी सिस्टम को अपनाया है. Bharat NCAP की अनाउंसमेंट के साथ यूनियन रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बताया, सेफ्टी टेस्ट को लेकर 30 से अधिक गाड़ियों ने अप्लाई किया है. Bharat NCAP के लिए ‘मोर स्टार्स, सेफर कार्स’ का नाम दिया है. इस तरह से नई गाड़ियों में एक्सीडेंट के चांस को बेहद काम किया जा सकेगा. दुर्घटना में मौत के मामले कम होंगे. इस पहल के साथ कारों के खरीदार सेफ्टी फीचर्स को जानकर अच्छा व्हीकल खरीद सकेंगे.

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