दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला को भारत में बड़ा झटका लगा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (E-Vehicles) के आयात पर टैक्स घटाने (Tax Cut) से साफ इनकार कर दिया है. दरसअल टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने मोदी सरकार से ई-वाहनों के आयात पर टैक्स घटाने का आग्रह किया था. मस्क का कहना था कि वह पहले आयातित कारें भारत में बेचेंगे, इसके बाद ही फैक्ट्री लगाने पर विचार किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने इस बारे में लोकसभा में स्पष्ट कर दिया कि भारी उद्योग मंत्रालय ई-व्हीकल्स के आयात पर टैक्स घटाने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है.
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घरेलू टैक्स में कटौती
सरकार का कहना है कि वह इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. इसमें घरेलू टैक्स में कमी के साथ ही चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाना शामिल है. भारत में भारी उद्योग मंत्रालय ही ऑटो इंडस्ट्री (Auto Industry) के लिए पॉलिसी बनाता है. मॉनसून सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री गुर्जर ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है लेकिन आयात शुल्क में कटौती की कोई योजना नहीं है. सरकार के इस रुख को केंद्र सरकार और टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क के बीच चल रही रस्साकशी के तौर पर देखा जा रहा है. सरकार देश में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना चाहती है. वहीं, मस्क चाहते हैं कि भारत में फैक्ट्री लगाने से पहले सरकार उन्हें सस्ते भाव पर इलेक्ट्रिक कारों का आयात करने की इजाजत दे.
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टेस्ला ने की आयात शुल्क 40 फीसद करने की मांग
दरअसल टेस्ला ने जून 2021 के दौरान भारत में परिवहन और उद्योग मंत्रालयों को एक चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क (Import Duty) घटाकार 40 फीसदी करने का आग्रह किया था. अभी भारत में इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क 60 से लेकर 100 फीसदी है. एलन मस्क ने इसके बाद एक ट्वीट में कहा था कि अगर टेस्ला को शुरुआती दौर में भारत में आयातित इलेक्ट्रिक कारें बेचने की इजाजत मिलती है तो यहां उसके फैक्ट्री लगाने की पूरी उम्मीद है.
HIGHLIGHTS
- टेस्ला के सीईओ और सरकार के बीच विवाद
- टेस्ला ने की आयात शुल्क 40 फीसद करने की मांग
- भारत में 100 फीसद तक लगता है कारों पर आयात शुल्क
Source : News Nation Bureau