देश में धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों( Electric Vehicles) का ट्रेंड बढ़ता जारा है. पेट्रोल डीज़ल की बढ़ती कीमत को देखते हुए ग्राहकों की मांग अब इलेक्ट्रिक वाहन के लिए बढ़ रही है. इसी कड़ी में भारत सरकार ऑटो सेक्टर पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है. इन सब के लिए पीएलआई स्कीम भी निकाली जा चुकी है. अब बजट 2022-23 की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सेक्टर को बड़ी सौगात दी है. वित्त मंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहन और इनके इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग व्यवस्था और बैटरी स्वैपिंग के साथ कनेक्टिविटी व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ा रही है.
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प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहन
बजट 2022-23 सुनाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “बतौर सर्विस बैटरी और एनर्जी, इनोवेटिव बिजनेस मॉडल्स के लिए मजबूत और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के ईकोसिस्टम और बेहतर बनेगा. ”उन्होंने इस बात की ओर इशारा भी किया है कि बहुत जल्द भारत में कुछ ऐसी जगहें निर्धारित की जाएंगी जहां ईंधन से चलने वाले वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित होगी.
स्पेशल मोबिलिटी जोन
बजट सुनाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी इलाकों में स्पेशल मोबिलिटी जोन बनाने के लिए पॉलिसी जल्द पेश की जाएगी जहां ईंधन से चलने वाले वाहन नहीं चलाए जा सकेंगे. इसी के साथ शहरी इलाकों में चार्जिंग की बेहतरीन व्यवस्था की जाएगी और बैटरी स्वैपिंग तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा. 2030 तक निजी कारों में 30 प्रतिशत ईवी, कमर्शियल वाहनों में 70 प्रतिशत ईवी और दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों में 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य भारत सरकार ने तय किया है.
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Source : News Nation Bureau