Things To Remember When Buying Used Cars: कुछ ग्राहक बजट की वजह से सेकंड हैंड (used cars) गाड़ियों को खरीदने की प्लानिंग करते हैं. कई ऑनलाइन वेबसाइट्स पुरानी गाड़ियों (used cars) को खरीदने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाती हैं. लेकिन अक्सर लोग गाड़ी (used cars) की खरीद पर कंपनी का भरोसा रख मात खा जाते हैं. पुरानी गाड़ी (used cars) को खरीदते समय ग्राहक गाड़ी (used cars) की बाहरी चमक, गाड़ी की माली हालत, स्पेसिफिकेशन और फीचर्स पर ही ध्यान दे पाते हैं. अक्सर ग्राहक गाड़ी की माइलेज चेक करना भूल जाते हैं. जो कि बाद में मोटे पैसे की चपत लगाती है.
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गाड़ी के मेंटेनेंस का खर्चा
इस बात को समझने की जरूरत है कि अगर गाड़ी (used cars) की माइलेज अच्छी नहीं होती तो गाड़ी के पेट्रोल- डीजल और सीएनजी पर ईंधन का कुल खर्च बढ़ जाता है. कम माइलेज के चक्कर में ईंधन की खपत बढ़ जाती है. इसलिए पुरानी गाड़ी (used cars) को खरीदते समय गाड़ी की माइलेज बेहद मायने रखती है.
इन वजहों से आती है गाड़ी (used cars) में दिक्कत
पुरानी गाड़ी (used cars) की खरीद में सभी पहलुओं को बारिकी से जांच करना बेहद जरूरी है. अगर किसी जानकार से गाड़ी खरीद रहे हैं तो भी इस बात का पता कर लें कि गाड़ी कितनी चली है. ज्यादा दूरी तय करने पर अक्सर गाड़ियों (used cars) की हालत बेहाल हो जाती है. साथ ही मेंटेनेंस पर भी पैसा ज्यादा लगता है. यही वजह होती है कि गाड़ी (used cars) की समय के साथ माइेलज भी कम हो जाती है. इसलिए गाड़ी (used cars) खरीदने पर ज्यादा पुरानी गाड़ी खरीदने के विकल्प पर जाने से बचना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- यूज्ड कार खरीदते वक्त सभी पहलुओं को जांचना जरूरी
- ज्यादा पुरानी गाड़ी खरीदने से मेटेनेंस का खर्चा बढ़ता है