क्या आपने देखा है कि विदेशी सड़कों पर जो गाड़ियां चलती हैं, उन गाड़ियों के ड्राइवर की सीट बायीं तरफ होती है, जबकि भारत में इसका ठीक उल्टा होता है। आख़िर इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं? आज हम आपको बताएंगे कि विदेशी कारों की ड्राइविंग सीट बाईं ओर क्यों होती है. तो बिना समय बर्बाद किए आइए जानते हैं यह जानकारी. जब हम विदेशों की सड़कों पर चलते हैं, तो हमें यह दिखाई देता है कि वहां गाड़ियां बाएं तरफ चलाई जाती हैं. इस पर कई कारण हैं जो एक समृद्धि और सुरक्षित यातायात की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता हैं.
क्या इस कारण से लेफ्ट साइड होते हैं ड्राइविंग सीट?
इतिहासकारों के मुताबिक, लेफ्ट साइड में ड्राइविंग का प्रथम उल्लेख ब्रिटेन में हुआ था, जहां घोड़े पर सवार बैठते समय दहिने हाथ से होता था ताकि आसानी से बाएं हाथ से रेगिस्टर तक पहुंच सकें. इस प्रथा का अनुसरण करते हुए, गाड़ी के चालक की सीट को बाएं तरफ रखा गया और ऑटोमोबाइन उद्योग ने इसे अपनाया. इसके परिणामस्वरूप, विश्वभर में कई देशों ने यह पद्धति अपनाई है. वहीं, ये भी माना गया है कि लेफ्ट साइड में ड्राइविंग करना सुरक्षित होता है. यह साबित हुआ है कि लेफ्ट साइड में ड्राइविंग से सुरक्षा में वृद्धि होती है. गाड़ी के चालक को दाहिने हाथ से चलाने की एक अलग अनुभूति होती है, जिससे उन्हें ट्रैफिक और चालकों का ध्यान आसानी से रखने में मदद मिलती है. इससे अवार्ड स्पैसिफिक सुरक्षा और गाड़ी के चालक की जागरूकता में सुधार होता है.
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और भी कई कारण हो सकते हैं
लेफ्ट साइड में ड्राइविंग का प्रणाली में समांजस्य बनाए रखने के लिए यह सुनिश्चित करता है कि सभी चालक समान दिशा में हैं और इससे ट्रैफिक के प्रबंधन में सुधार होता है. इस प्रणाली का पालन करने से सुरक्षित और सहज ड्राइविंग का अनुभव होता है, जिससे यात्रा सुरक्षित और संरचित होती है. यह एक समृद्धि, यातायात के नियमों का समान अनुसरण और सुरक्षित यात्रा की दृष्टि से है, जो विदेशों में लेफ्ट साइड में ड्राइविंग को एक विशेषता बना देता है. हालांकि आपको बता दें कि लेफ्ट साइड में ड्राइविंग होने औऱ भी कारण हो सकते हैं.
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Source : News Nation Bureau