SBI के बाद बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने भी लोन की दर को लेकर लिया बड़ा फैसला

बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India-BOI) ने विभिन्न अवधि के कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) में 0.20 प्रतिशत तक कटौती की है.

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Dhirendra Kumar
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SBI के बाद बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने भी लोन की दर को लेकर लिया बड़ा फैसला

बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India-BOI)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India-BOI) ने विभिन्न अवधि के कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) में 0.20 प्रतिशत तक कटौती की है. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सोमवार को एक साल के एमसीएलआर आधारित ब्याज दर पर 0.10 प्रतिशत की कटौती कर उसे 7.9 प्रतिशत किये जाने की घोषणा की है.

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बीओआई (BOI) ने एक दिन के लिये एमसीएलआर आधारित ब्याज दर में 0.20 की कटौती की जबकि अन्य अवधि के एमसीएलआर (MCLR) ब्याज में 0.10 प्रतिशत की कमी की है. इस कटौती के एक दिन की अल्प अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर दर 7.75 प्रतिशत होगी. एक साल की एमसीएलआर आधारित कर्ज पर ब्याज दर 8.20 प्रतिशत होगी जो पहले 8.30 प्रतिशत थी.

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SBI ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) घटाया
SBI ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.10 फीसदी की कटौती कर दी है. बता दें कि SBI ने चालू वित्त वर्ष में लगातार आठवीं बार MCLR में कटौती करने का ऐलान किया है. MCLR घटने के बाद एसबीआई के ग्राहकों का होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सस्ता हो गया है. SBI के ग्राहकों को 10 दिसंबर से दरें घटने का फायदा मिलने लगेगा.

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सस्ता हो जाएगा होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ इंडिया के इस कदम के बाद ग्राहकों का होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सस्ता हो जाएगा. गौरतलब है कि MCLR घटने से मौजूदा लोन सस्ते हो जाते हैं. ग्राहकों को पुरानी EMI के मुकाबले घटी हुई EMI देनी पड़ती है.

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MCLR क्या है - What is MCLR
MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट भी कहते हैं. इसके तहत बैंक अपने फंड की लागत के हिसाब से लोन की दरें तय करते हैं. ये बेंचमार्क दर (Benchmark Rate) होती है. इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. साथ ही MCLR घटने पर लोन की EMI सस्ती हो जाती है.

Source : Bhasha

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