PSU Banks Merger: एक अप्रैल यानि आज से सार्वजनिक क्षेत्र के 6 बैंकों का अलग-अलग चार बैंकों में विलय (Bank Merger) हो जाएगा. अगले तीन वर्ष के दौरान इस विलय के जरिए बैंकों को 2,500 करोड़ रुपये का लाभ होने का अनुमान है. विलय की इस योजना के तहत ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स (Oriental Bank Of Commerce-OBC) और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (United Bank Of India-UBI) का पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank-PNB) में विलय हो जाएगा.
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दूसरी ओर सिंडीकेट बैंक (Syndicate Bank) का केनरा बैंक (Canara Bank) में, आंध्र बैंक (Andhra Bank) और कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) का यूनियन बैंक आफ इंडिया (Union Bank of India) और इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) का इंडियन बैंक (Indian Bank) में विलय किया किया गया है. विलय की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकारी क्षेत्र में अब 7 बड़े और 5 छोटे बैंक रह जाएंगे.
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साल 2017 तक देश में थे 27 सरकारी बैंक
साल 2017 तक देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक परिचालन में थे. वहीं अब 1 अप्रैल यानि आज (बुधवार) से देश में सरकारी बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 रह जाएगी. बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में देना बैंक (Dena Bank) और विजय बैंक (Vijaya Bank) का बैंक आफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) में विलय हुआ था. वहीं इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके सभी सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया गया था.. स्टेट बैंक आफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद का देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank) में विलय 1 अप्रैल 2017 से प्रभाव में आ चुका है.
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विलय के बाद 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे
- पंजाब नेशनल बैंक+यूनाइटेड बैंक+ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (पंजाब नेशनल बैंक)
- केनरा बैंक (Canara Bank)+सिंडिकेट बैंक (केनरा बैंक)
- इंडियन बैंक+इलाहाबाद बैंक (इंडियन बैंक)
- यूनियन बैंक+आंध्रा बैंक+कॉरपोरेशन बैंक (यूनियन बैंक)
- बैंक ऑफ इंडिया
- बैंक ऑफ बड़ौदा
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- इंडियन ओवरसीज बैंक
- पंजाब एंड सिंध बैंक
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
- यूको बैंक (UCO Bank)
ग्राहकों के ऊपर पड़ सकता है ये असर
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े जानकारों का कहना है कि विलय के बाद विलय होने वाले बैंकों के ग्राहकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल कस्टमर्स को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी जारी हो सकता है. नया अकाउंट नंबर मिलने पर आयकर विभाग, इंश्योरेंस कंपनी, MF और NPS आदि में अपडेट कराना होगा. ग्राहकों को लोन की EMI या SIP के लिए नया फॉर्म भरना पड़ सकता है. नया चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड जारी हो सकता है . FD, रेकरिंग डिपॉजिट (RD) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा. वहीं जिस ब्याज पर होम, पर्सनल और व्हीकल लोन लिया है उसमें बदलाव नहीं होगा. कुछ ब्रांच के बंद होने पर कस्टमर्स को नई शाखाओं पर जाना पड़ सकता है.