कोरोना वायरस (Coronavirus) के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए मोदी सरकार (Modi Government) ने लॉकडाउन (lockdown) की अवधि 3 मई तक कर दी है. लॉकडाउन बढ़ने से लोगों को अब कई चिंता सताने लगी है. लोगों को आर्थिक तंगी का फिक्र सताने लगा है. घर और गाड़ी लोन पर खरीदने वाले लोगों को चिंता होने लगी है कि वो अपना ईएमआई (EMI) कैसे चुकाएंगे.
हालांकि पहले ही बैंकों ने तीन महीने की ईएमआई पर राहत दे रखी है. लेकिन अब 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया तो कयास लगाए जा रहे हैं कि EMI में राहत की अवधि 3 महीने से बढ़ाकर 6 महीने की जा सकती है. उम्मीद की जा रही है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत दे सकती है.
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दरअसल, लॉकडाउन बढ़ने से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. जिसकी वजह से कारोबार जगत को नुकसान हो रहा है. हर सेक्टर में लोगों की नौकरियों और सैलरी पर संकट गहराने लगा है. ऐसे में अगर लोन लेने वालों की नौकरी या फिर सैलरी कटती है तो ईएमआई भरना मुश्किल होगा. जिसकी वजह से लोन डिफॉल्टर बढ़ जाएंगे. बैंक पहले ही इसकी आशंका जता चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बैंक ने आरबीआई के सामने अपनी चिंता को जाहिर करते हुए कहा कि कॉरपोरेट्स और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम में लोन डिफॉल्ट्स की संभावन ज्यादा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ईएमआई में छूट की सीमा बढ़ सकती है.
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गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च-मई 2020 के दौरान तीन महीने के लिए ऋण अदायगी की मासिक किस्तों (ईएमआई) को टालने की बात कही थी, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय बैंकों पर छोड़ा था. जिसमें अमूमन सभी बैकों ने इसे माना और ग्राहकों को तीन महीने की राहत दी.