वैसे तो पीएम मोदी भारत को डिजिटल इंडिया बनाने का सपना देख रहे हैं लेकिन हमारी बैंकिंग सुविधा अभी इतनी बढ़िया नहीं हुई है कि बिना किसी फॉल्ट के चल सके. बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी शिकायतों की संख्या में पिछले कुछ दिनों में वृद्धि हुई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले साल अप्रैल से नवंबर के बीच उपभोक्ताओं की शिकायतों में 40 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है. अधिकांश शिकायतें बैंकों द्वारा विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क को लेकर हैं.
उपभोक्ता मंत्रालय के एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र (इनग्राम) पर बैंक सेवाओं को लेकर शिकायतों में वृद्धि हुई है. मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल में बैंकिंग सेवाओं को लेकर 5577 शिकायत मिली थीं. जो अक्तूबर में 7100 जबकि नवंबर में बढ़कर 7600 के आंकड़े को पार कर गया.
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मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बैंक खाताधारकों की शिकायतों को संबंधित बैंकों को भेज दिया जाता है. इसके बाद शिकायतों के निवारण का बैंकों से फॉलोअप भी लिया जाता है. हालांकि, कई खाताधारकों का मानना है कि बैंक शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते, क्योंकि रिजर्व बैंक ने सेवाओं के लिए फीस तय करने की जिम्मेदारी बैंकों को दे रखी है.
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दिल्ली प्रदेश बैंक वर्कर ऑर्गनाइजेशन के महासचिव, अश्विनी राणा का मानना है कि आरबीआई को शिकायत के लिए पोर्टल बनाना चाहिए. इससे उपभोक्ता भी शिकायत पर होने वाली कार्रवाई पर नजर रख सकेंगे.
Source : News Nation Bureau