वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) और दूसरे वित्तीय उत्पादों को डीमैट (Demat) फॉर्म में जारी करने की घोषणा कर सकती है. अंतर मंत्रालयी समिति (Inter Ministerial Committee) ने इसमें बदलाव को लेकर सुझाव दिया है. समिति ने कहा है कि एफडी (FD) और अन्य उत्पाद को डीमैट रूप में जारी करना उपभोक्ता अनुकूल होने के साथ-साथ सुरक्षित भी है.
यह भी पढ़ें: Retirement Planning: तनावमुक्त रिटायरमेंट के लिए इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाली संचालन समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि वित्तीय सेवा विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भारतीय परिप्रेक्ष्य में आभासी बैंकिंग प्रणाली की अनुकूलता की भी समीक्षा करनी चाहिए.
यह भी पढ़ें: Gold Silver Rate Today: सोना-चांदी खरीदें या बेचें, आज के लिए जानें दिग्गज जानकारों की राय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी रिपोर्ट
समिति ने वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इसके लिए रिपोर्ट भी सौंप दी है. समिति का कहना है कि वित्तीय उत्पादों को डीमैट रूप में रखना न केवल उपभोक्ता अनुकूल है बल्कि यह एक सुरक्षित माध्यम भी है. समिति ने सुझाव दिया है कि एफडी और अन्य वित्तीय उत्पादों को डीमैट रूप में जारी करने के लिए उचित नियामकीय और विधायी बदलाव किए जाने चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को डाकघरों और अन्य इकाइयों के पास रखी सभी वित्तीय संपत्तियों को डीमैट रूप में बदलने के लिए अभियान चलाना चाहिए.
यह भी पढ़ें: आर्थिक मंदी को लेकर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया
गौरतलब है कि डीमैट को सबसे सुरक्षित माना जाता है. डीमैट के लिए नो योर कस्टमर यानि KYC करानी जरूरी है. बता दें कि KYC से निवेशक का फाइनेंशियल प्रोडक्ट और सिक्योर हो जाता है. इसके अलावा निवेशकों को कई तरह की धोखाधड़ी से बचाव भी होता है. हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि सभी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को डीमैट फॉर्म में नहीं बदलना चाहिए, क्योंकि छोटी FD को डीमैट में बदलने की वजह से उसके महंगे होने का खतरा है. (इनपुट पीटीआई)