राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने वित्त वर्ष 2024-2025 की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों को पेश किया है. जून तिमाही में देश की विकास दर 6.7 फीसदी रही है. वहीं बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 7.8 फीसदी थी. ये बीती 5 तिमाहियों में सबसे कम जीडीपी ग्रोथ रही है. वित्त वर्ष 24 की जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में 8.2 फीसदी का इजाफा देखा गया था.
आरबीआई ने इस तिमाही के विकास दर के 7.2 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था. हालांकि, अर्थशास्त्री पहली तिमाही में ग्रोथ रेट धीमी होने का अनुमान जता रहे थे. उनका कहना था कि सरकार की ओर से खर्च कम होने का असर ग्रोथ रेट पर दिख सकता है.
रिपोर्ट में कहा, मंदी के कोई संकेत नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी मंदी के किसी तरह के संकेत नहीं हैं. मगर यह एक अस्थायी रुकावट है. हालांकि, स्थिर व्यापक आर्थिक संकेतों के अच्छे प्रदर्शन से संभावनाएं आशावादी रहने वाली हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिस्थितियों और बाहरी मांग से पैदा चुनौतियों के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का समग्र दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल अनुकूल मौसम के साथ त्यौहारी सीजन के आने पर अस्थायी मंदी दूर हो सकती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता भावना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के कारण विकास में उछाल की संभावना ज्यादा है. खाद्य पदार्थों के दामों में कमी आई है. मुद्रास्फीति भी कम हुई है. रिपोर्ट की मानें तो कहा गया है कि जुलाई में बेरोजगारी में सुधार और मनरेगा गतिविधियों की मांग में कमी से पता चलता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था वापस संतुलन में आ चुकी है.