सरकारी बैंकों (PSBs) के साथ चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 5,743 मामलों में 95,700 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है. मंगलवार को संसद में वित्त मंत्री ने सदन को इसकी जानकारी दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने राज्यसभा में कहा कि रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) से मिली जानकारी के अनुसार एक अप्रैल 2019 से 30 सितंबर 2019 के दौरान 95,760.49 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 5,743 मामले सामने आए हैं.
यह भी पढ़ें: यस बैंक के सर्वेसर्वा रहे राणा कपूर के पास बचे हैं सिर्फ 900 शेयर, जानें क्या है मामला
3.38 लाख निष्क्रिय कंपनियों के बैंक खातों पर लगाई रोक
वित्त मंत्री द्वारा सदन में लिखित उत्तर में 3.38 लाख निष्क्रिय कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने समेत बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए भी व्यापक उपाय करने की जानकारी दी गई है. एक अन्य प्रश्न के जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि PMC बैंक के खाताधारकों के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिए जाने के बाद 78 फीसदी खाताधारक खाते की पूरी राशि निकाल सकेंगे. बता दें कि 23 सितंबर 2019 को पीएमसी बैंक के कुल खाताधारकों की संख्या 9,15,775 थी.
यह भी पढ़ें: पीएमसी बैंक (PMC Bank) ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर, मेडिकल इमर्जेंसी में निकाल सकेंगे 1 लाख रुपये
बता दें कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) को जुलाई-सितंबर तिमाही में करीब 1,194 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया गया है. वहीं इस दौरान यूको बैंक (UCO Bank) को करीब 892 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है. हालांकि दूसरी तिमाही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को थोड़ा फायदा जरूर हुआ है, लेकिन 2018 की दूसरी तिमाही के मुकाबले कमाई में करीब 40 फीसदी की कमी भी देखने को मिली है. दूसरी तिमाही में SBI को 945 करोड़ का फायदा देखने को मिला है. पिछले साल SBI को कुल 1581 करोड़ का फायदा हुआ था. (इनपुट भाषा)