देश में कोरोनावायरस (Corona Virus) के चलते लॉक डाउन (Lock Down) लगा हुआ है, जिसकी वजह से दफ्तर और कार्यालय बंद चल रहे हैं. सरकार जनता को इस लॉकडाउन के दौरान तरह-तरह की सुविधाएं दे रही है. इस बीच मंगलवार की रात को एचडीएफसी बैंक ने अपने होम लोन ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है. एचडीएफसी ने होम लोन के ग्राहकों को इस लॉकडाउन के बीच बड़ी छूट दी है. एचडीएफसी बैंक ने होम लोन की ब्याज दर में 0.15% की कटौती कर दी है. आपको बता दें कि एचडीएफसी के इस ऐलान के बाद नई दरें 22 अप्रैल 2020 से लागू हो जाएगी.
एचडीएफसी की नई दरें अब 8.05% से लेकर 8.85% के बीच में होंगी. आपको बता दें कि यह कोई पहली बैंक नहीं है जिसने लॉक डाउन (Lock Down) के दौरान ऐसा फैसला लिया हो इसके पहले देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक सहित कई बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान करते हुए अपने ग्राहकों को राहत दी थी. एसबीआई के इस बड़े फैसले के बाद अब HDFC ने भी अपने हाउसिंग लोन पर रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट में 0.15 फीसदी की कटौती की है. गौरतलब है कि पिछले महीने 27 मार्च को कोरोना संकट को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की थी.
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चौथी तिमाही के मुनाफ में उछाल से सब चौंके
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि इस बीच एचडीएफसी बैंक ने अपनी चौथी तिमाही की रिपोर्ट से हर किसी को चौंका दिया है. पिछले सप्ताह जहां आर्थिक संकट के बीच देश के सभी बैंकों के मुनाफ में कमी दिखाई दी वहीं एचडीएफसी बैंक ने अपनी इस रिपोर्ट से सबको चौंका दिया है. HDFC Bank को चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में मुनाफा सालाना आधार पर 17.72 फीसदी बढ़कर 6,927.69 करोड़ रुपये रहा. आपको बता दें कि मौजूदा समय में एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप (शुक्रवार के आंकड़ों के मुताबिक) 4.98 खरब रुपये है.
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बैंक डिपॉजिट में भी इजाफा
मौजूदा समय देश में कोरोना संकट को देखते हुए. देश में मंदी के आसार दिखाई देने लगे हैं लेकिन इस दौरान भी एचडीएफसी की चौथी तिमाही की रिपोर्ट को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि बैंक ने कैसे इस संकट के क्षणों में भी अपने ग्राहकों पर भरोसा बनाए रखा है. कोरोना संकट की वजह से अनुमान ये लगाया जा रहा था कि इस बार काफी मुनाफे में काफी कमी आ सकती है लेकिन इसके विपरीत बैंक के कारोबार में शानदार बढ़त देखने को मिली. चौथी तिमाही में बैंक की डिपॉजिट सालाना आधार पर 24.2 फीसदी और तिमाही आधार पर 7.4 फीसदी की बढ़त के साथ 11,46,500 करोड़ रुपये रहा.