एक तरफ जहां केंद्र सरकार बैंकिंग नियमों को ग्राहकों की सुविधानुसार आसान बना रही है. वहीं निजी क्षेत्र के बड़े बैंक आईसीआईसीआई ने अपने ग्राहकों को जोर का झटका दिया है. बैंक के 'जीरो बैलेंस' खाताधारकों को 16 अक्टूबर से हर कैश विदड्रॉल के लिए 100 रुपये से 125 रुपये का शुल्क देना होगा. यही नहीं, अगर ग्राहक बैंक की शाखा में मशीन के जरिये पैसे जमा करते हैं. तो इसके लिए भी उन्हें शुल्क अदा करना होगा.
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डिजिटल लेनदेन शुल्क मुक्त
विगत दिनों आईसीआईसीआई बैंक ने अपने अकाउंट होल्डर्स को जारी एक नोटिस में कहा, 'हम अपने ग्राहकों को बैंकिंग ट्रांजैक्शंस डिजिटल मोड में करने के लिए उत्साहित करते हैं, जिससे डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव को बढ़ावा मिले.' बता दें कि बैंक ने मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के जरिये होने वाले एनईएफटी, आरटीजीएस तथा यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर लगने वाले तमाम तरह के शुल्क को खत्म कर दिया है.
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NEFT और RTGS पर भी भारी शुल्क
आईसीआईसीआई बैंक की शाखाओं से 10,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के एनईएफटी ट्रांजैक्शन पर 2.25 रुपये से लेकर 24.75 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है. वहीं, शाखाओं से दो लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक किए जाने वाले आरटीजीएस ट्रांजैक्शन के लिए 20 रुपये से लेकर 45 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है.
HIGHLIGHTS
- 6 अक्टूबर से हर कैश विदड्रॉल के लिए 100 रुपये से 125 रुपये का शुल्क देना होगा.
- मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग से लेन-देन पर तमाम शुल्क खत्म.
- 16 अक्टूबर से लागू हो रही हैं नए नियमों की शुल्क दरें.