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भारतीय बैंकों के लिए आई निराशाजनक खबर, अगले दो साल में इस वजह से घट सकती है पूंजी

मूडीज की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते बाजारों के बैंकों के लिए संपत्ति की अनिश्चित गुणवत्ता सबसे बड़ी चुनौती है.

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Dhirendra Kumar
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Moodys Investors Service

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moodys Investors Service)( Photo Credit : newsnation)

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मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने कहा है कि अगले दो साल के दौरान उभरते एशियाई क्षेत्र के बैंकों की पूंजी में कुछ गिरावट आएगी. इसके साथ मूडीज ने कहा है कि नया निवेश नहीं मिलने पर इस दौरान भारत के बैंकों की पूंजी सबसे अधिक घटेगी. मूडीज की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते बाजारों के बैंकों के लिए संपत्ति की अनिश्चित गुणवत्ता सबसे बड़ी चुनौती है.

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उभरते बाजारों में 2021 के लिए बैंकों का परिदृश्य नकारात्मक
इसकी वजह कोविड-19 महामारी के चलते परिचालन की परिस्थितियों का चुनौतीपूर्ण होना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते बाजारों में 2021 के लिए बैंकों का परिदृश्य नकारात्मक है. वहीं बीमा कंपनियों के लिए यह स्थिर है. मूडीज ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में बैंकों की बढ़ती गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) और बीमा कंपनियों का उतार-चढ़ाव वाला निवेश पोर्टफोलियो चिंता का विषय है. 

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अगले दो साल के दौरा उभरते एशिया में बैंकों की पूंजी घटेगी. सार्वजनिक या निजी निवेश नहीं मिलने की स्थिति में भारत और श्रीलंका के बैंकों की पूंजी में सबसे अधिक गिरावट आएगी.

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