सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी कर्णम शेकर को चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में लाभ में आने की उम्मीद है. बैंक पिछले साढ़े चार साल से नुकसान में है. उन्होंने कहा कि बैंक के एक बार लाभ में आने के साथ वह रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) से जल्दी ही बाहर हो जाएगा. चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बैंक को 6,075 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ जबकि एक साल पहले इसी अवधि में उसे 346 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. फंसे कर्ज के एवज में 6,664 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की वजह से बैंक का घाटा बढ़ा है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट (एनआईबीएम) के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में शेकर ने कहा, ‘‘दिसंबर तिमाही में हमने फंसे कर्ज के एवज में अधिक प्रावधान किया. इसके कारण हमारा घाटा बढ़ा है. यह अंतिम तिमाही होगी जब हमने नुकसान की घोषणा की है. हम साढ़े चार साल के नुकसान के बाद चौथी तिमाही से स्पष्ट रूप से लाभ में रहेंगे.’’ उन्होंने कहा कि बैंक के घाटे का कारण मुख्य रूप से कॉरपोरेट खाता है, लेकिन अब इसका समाधान कर लिया गया है. शेखर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई भी कॉरपोरेट खाता अब खराब होगा. हमने पिछले चार-पांच साल में ऐसा कोई बड़ा कर्ज नहीं दिया. इसीलिए कॉरपोरेट क्षेत्र की समस्या का समाधान हो गया है.’
Source : Bhasha