त्यौहारी मौसम से पहले निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) ने आवास ऋण (Home Loan) पर ब्याज दर घटाकर सात प्रतिशत कर दी है. यह बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले भारतीय स्टेट बैंक (State Bank-SBI) के बराबर है. निजी क्षेत्र के बैंक ने अपनी त्यौहारी पेशकश खुशी का सीजन के तहत कई और पेशकश की है. इसमें ऋण पर प्रसंस्करण शुल्क से छूट और खुदरा एवं कृषि ऋण उत्पादों पर तेजी से ऑनलाइन मंजूरी शामिल है.
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गौरतलब है कि बैंकों और वित्तीय कंपनियों के कई प्रयासों के बावजूद ऋण वृद्धि दर कई साल के निचले स्तर पर यानी छह प्रतिशत से नीचे बनी हुई है. कोटक महिंद्रा बैंक की उपभोक्ता बैंकिंग अध्यक्ष शांति एकंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर तरीके से सामान्य होने की तरफ बढ़ रही है. ग्राहकों का भरोसा और मांग लौटने के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं। यह नयी योजना अगले एक महीने तक रहेगी और ग्राहकों की जरूरत को पूरा करेगी.
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RBI ने रीयल एस्टेट क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए उठाए बड़े कदम
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) ने आवास ऋण को बढ़ावा देने के इरादे से हाल में घोषित उपायों को अमल में लाने की शुक्रवार को पहल की. इसके तहत कर्ज-मूल्य अनुपात (एलटीवी) यानी मूल्य के अनुपात में दिये जाने वाले आवास ऋण के लिये जोखिम भारांश को युक्तिसंगत बनाया गया है. यह नई व्यवस्था 31 मार्च, 2022 तक मंजूर किये जाने वाले सभी आवास ऋण पर लागू होगी. इससे एक तरफ जहां बैंकों के पास रीयल एस्टेट क्षेत्र को कर्ज देने के लिये अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी, वहीं वे ग्राहकों को लाभ देने के लिये ब्याज भी कम कर सकेंगे. आरबीआई की इस संबंध में जारी अधिसूना के अनुसार जहां मकान के मूल्य के समक्ष कर्ज यानी एलटीवी 80 प्रतिशत से कम है तो नये आवास ऋण पर जोखिम भारांश 35 प्रतिशत होगा. वहीं एलटीवी 80 प्रतिशत से अधिक है लेकिन 90 प्रतिशत से कम है तो जोखिम भारांश 50 प्रतिशत होगा.
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आरबीआई ने कहा कि इस उपाय से रीयल एस्टेट क्षेत्र मे बैंक कर्ज को गति मिलने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में रोजगार सृजन तथा दूसरे उद्योगों के जुड़े होने को देखते हुए यह आर्थिक पुनरूद्धार के लिये महत्वपूर्ण है. अधिसूचना में कहा गया है कि मौजूदा आर्थिक नरमी की स्थिति से निपटने के लिये जोखिम भारांश को युक्तिसंगत बनाने का फैसला किया गया है. यह नई व्यवस्था अधिसूचना जारी होने की तारीख से लेकर 31 मार्च, 2022 तक मंजूर होने वाले सभी आवास ऋण पर लागू होगी. इससे बैंकों को प्रत्येक आवास रिण पर जाखिम के लिहाज से पहले जो ऊंचा प्रावधान करना होता था वह अब कम होगा. इससे उनका बोझ कम होगा. इस प्रकार के कर्ज पर 0.25 प्रतिशत का मानक संपत्ति प्रावधान पहले की तरह लागू रहेगा.
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इस बारे में एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि एलटीवी अनुपात संपत्ति के मूल्य को दिये जाने वाले कर्ज की राशि से भाग देकर निकाला जाता है. उदाहरण के तौर पर यदि कोई 80 लाख रुपये का मकान खरीदता है और उसके लिये 10 लाख रुपये का शुरुआती भुगतान करता है तब उसे 70 लाख रुपये कर्ज लेना है. उन्होंने कहा कि एलटीवी पर जोखिम भारांश की व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाने से बैंकों के पास कर्ज देने के लिये अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी. इससे वे ब्याज दर भी कम कर सकेंगे क्योंकि उनके पास ऋण देने को लेकर अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी.