लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) के मसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई 18 नवंबर 2020 के लिए टल गई है. अगली सुनवाई में SC अलग-अलग उद्योगों की मांग पर सुनवाई करेगा. उद्योगों का कहना है कि उनके लोन को भी रीस्ट्रक्चर किया जाना चाहिए. इसी बीच सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 2 करोड़ तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लिया जाएगा. जिनसे ज़्यादा ब्याज लिया गया है, उनके पैसे लौटाए जा रहे हैं. दूसरी ओर याचिकाकर्ता के वकील ने केंद्र और RBI के जवाब पर संतोष जताते हुए अब SC से इस मसले पर सुनवाई बंद करने का आग्रह किया है.
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बैंकों ने कर्जदारों के अकाउंट में पैसा डालना शुरू किया
बैंकों (Banks) ने कर्ज वापसी पर रोक अवधि के दौरान कर्जदारों के खातों में ब्याज पर लगाये गये ब्याज की रकम लौटानी शुरू कर दी है. योजना पर अमल करते हुये सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक से ग्राहक को संदेश भेजा गया कि प्रिय ग्राहक कोविड-19 राहत अनुदान राशि ... तीन नवंबर को आपके खाते में डाल दी गई है. रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले सप्ताह ही सभी बैंकों, गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित कर्ज देने वाले संस्थानों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर छह माह की रोक अवधि के दौरान लिये गये ब्याज पर ब्याज से माफी योजना पर पांच नवंबर तक अमल होना चाहिये.
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आठ पात्रता प्राप्त श्रेणियों के तहत लिये गये व्यक्तिगत कर्ज भी इस माफी योजना के तहत छूट पाने के हकदार होंगे
वित्त मंत्रालय ने इस योजना को लेकर आम लोगों के मन में उठने वाले सवालों के जवाब जारी किये हैं. मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सोने को गिरवी लिये गये उपभोक्ता कर्ज भी योजना के तहत ब्याज पर ब्याज से छूट पाने के पात्र हैं. मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कर्जदाता संस्थान द्वारा सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) के तौर वर्गीकृत कर्ज सहित कर्जदारों की आठ पात्रता प्राप्त श्रेणियों के तहत लिये गये व्यक्तिगत कर्ज भी इस माफी योजना के तहत छूट पाने के हकदार होंगे. इन कर्ज के लिये गारंटी चाहे किसी भी तरह की हो उससे इनकी पात्रता पर कोई असर नहीं होगा. वित्त मंत्रालय की तरफ से यह आम सवालों के जवाब का दूसरा सेट कुछ ही दिनों के भीतर जारी किया गया है. योजना पर अमल के अंतिम दिन से पहले मंत्रालय ने चीजों को स्पष्ट किया है.