भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) ने महाराष्ट्र के जालना जिले में मंता अर्बन कोआपरेटिव बैंक (Mantha Urban Co Operative Bank) पर धन के भुगतान और कर्ज के लेन देन को लेकर 6 महीने के लिए पाबंदी लगा दी है. केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि उसने इस बैंक को कुछ निर्देश दिए हैं, जो 17 नवंबर 2020 को बैंक बंद होने के बाद से छह माह तक प्रभावी होंगे.
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आरबीआई की अनुमति के बगैर कोई कर्ज या उधार नहीं दे सकेगा मंता अर्बन कोआपरेटिव बैंक
इन निर्देशों के अनुसार, यह बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना कोई कर्ज या उधार नहीं दे सकेगा और न ही पुराने कर्जों का नवीनीकरण तथा कोई निवेश कर सकेगा. बैंक पर नयी जमा राशि स्वीकार करने पर भी पाबंदी लगा दी गयी है. वह कोई भुगतान भी नहीं कर सकेगा और ना ही भुगतान करने का कोई समझौता कर सकेगा.
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डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना
इस पहले सरकार ने वित्तीय संकट से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिए पाबंदियां लगा दी है. इसके तहत बैंक के खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे. इसके साथ ही सरकार ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना की भी घोषणा की. बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.