कंपनियां हम नौकरीपेशा लोगों का किसी न किसी बैंक में एक अकाउंट खुलवाती हैं, जिसको सैलरी अकाउंट कहा जाता है। यह सैलरी अकाउंट सामान्य खातों से थोड़ा अलग होता है। दरअसल, इसके कई लाभ भी होते हैं, लेकिन बैंक की ओर से मिलने वाले इन फायदों से अधिकांश कर्मचारी अंजान रहते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि खुद बैंक भी सैलरी अकाउंट पर मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी अपने कस्टमर्स को नहीं देते। आइए हम आपको बताते हैं कि सैलरी अकाउंट पर आपको क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं? हम आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक सैलरी अकाउंट पर कॉरपोरेट, हॉस्पिटल और होटल आदि के कर्मचारियों को कई तरह के लाभ मिलते हैं। बैंक में सैलरी अकाउंट खुलने के बाद आपको एक अकाउंट नंबर दिया जाता है। जिसके बाद कॉर्पोरेट इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से न्यौक्ता द्वारा सैलरी अकाउंट में डाल दी जाती है। यहां आपको बता दें कि कर्मचारी देश के किसी भी शाखा में अपना सैलरी अकाउंट खोल सकते हैं।
क्या है एसबीआई सैलरी अकाउंट के फायदे?
- जीरो बैलेंस अकाउंट
- निशुल्क एटीएम कम डेबिट कार्ड
- फ्री मल्टीसिटी चेक फैलिसिलिटी
- किसी भी बैंक के एटीएम से फ्री अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन
- जॉइंट खाता धारकों के लिए एटीएम कार्ड की सुविधा
- दो महा के वेतन पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा
- लॉकर चार्ज पर 25 प्रतिशत तक की छूट
- फ्री ड्राफ्ट सुविधा, मैसेज अलर्ट सर्विस, ऑनलाइन
- एनईएफटी व आरटीजीएस आदि.
सैलरी अकाउंट के अन्य फायदे?
अगर आपको पास ज्यादा मात्रा में पैसा है तो आप वेल्थ सैलरी अकाउंट भी ऑपेन कर सकता हैं। इसमें बैंक आपको एक वेल्थ मैनेजर प्रोवाइड कराता है, जो केवल आपके बैंक से जुड़े ही तमाम काम देखता हैै। वहीं, अगर आपके अकाउंट में पिछले कुछ समय से सैलरी नहीं आ रही है तो बैंक इसको सेविंग अकाउंट में बदल सकता है। जिसके बाद बैंक द्वारा आपके सैलरी अकाउंट पर मिली सारी सुविधांए वापस हो जाएंगी।
एक बैंक से दूसरे बैंक में सैलरी अकाउंट ट्रांसफर करने की बात करें तो बैंक इसमें भी आपको सहूलियत देते हैं। हालांकि इसमें कुछ शर्तें भी शामिल होती हैं। इसके साथ ही अन्य सुविधाओं की बा करें तो इनमें बिल भुगतान की सुविधा, ई-पेमेंट्स की सुविधा, सेफ डिपॉजिट लॉकर, स्वीप इन और फ्री पेबल एट पार चेकबुक आदि सुविधाएं शामिल हैं।
HIGHLIGHTS
- सैलरी अकाउंट सामान्य खातों से थोड़ा अलग होता है
- सैलरी अकाउंट पर बैंक देता है कई सुविधाएं
- सैलरी अकाउंट खुलने के बाद आपको एक अकाउंट नंबर दिया जाता है