PMC Bank Scam: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने संकट से जूझ रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी-PMC Bank) बैंक का बकाया चुकाने के लिए बैंक घोटाले में शामिल हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल-HDIL) की संपत्तियों को बेचने का निर्देश देने वाले बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े और न्यायमूर्ति बी आर गवई एवं न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक की याचिका का संज्ञान लिया.
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बंबई उच्च न्यायालय ने HDIL की संपत्तियों की बिक्री के लिए बनाई थी तीन सदस्यीय समिति
शीर्ष अदालत ने आरबीआई की याचिका पर पीएमसी बैंक के खाताधारकों के बकाए का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले सरोश दमानिया समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस भी जारी किए. इससे पहले, बंबई उच्च न्यायालय ने पीएमसी बैंक घोटाले में संलिप्त एचडीआईएल की संपत्तियों की बिक्री के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई थी. एचडीआईएल से बैंक का धन तेजी से वसूल करने के लिए यह कदम उठाया गया था. आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया तेज करने और पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं को जल्द भुगतान करने की अपील करने वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह आदेश दिया था.
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पीएमसी बैंक में घोटाला पिछले साल सितंबर में उस वक्त सामने आया था, जब भारतीय रिजर्व बैंक को पता चला कि इस बैंक ने लगभग दिवालिया हो चुकी एचडीआईएल का 4,355 करोड़ रूपए से ज्यादा का कर्ज छुपाने के लिये कथित रूप से फर्जी खाते खोले थे. भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार पीएमसी बैंक ने कोर बैंकिंग सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करके एचडीआईएल सहित समस्या वाले कर्ज के 44 खातों को छुपाया और इन खातों तक चुनिन्दा बैंक कर्मचारियों की ही पहुंच थी. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाख और प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों और एचडीआईएल के प्रमोटरों के खिलाफ मामले दर्ज किये थे.