Advertisment

अब बैंकों के मामले CBI के पास नहीं जाएंगे, 1 जनवरी से ग्राहकों को मिलेगी ये बड़ी राहत

बैंकिंग से जुड़े मामलों में अब केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) दखल नहीं देगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट से पहले बैंक प्रमुखों की बैठक में यह फैसला लिया है.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
अब बैंकों के मामले CBI के पास नहीं जाएंगे, 1 जनवरी से ग्राहकों को मिलेगी ये बड़ी राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

बैंकिंग से जुड़े मामलों में अब केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) दखल नहीं देगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट से पहले बैंक प्रमुखों की बैठक में यह फैसला लिया है. इसके तहत बैंकों की बिना इजाजत के कोई भी मामला अब CBI के पास नहीं जाएगा. वित्त मंत्री का कहना है कि सीबीआई निदेशक इस संबंध में देश के बैंकों के शीर्ष अफसरों से मुलाकात कर उन्‍हें आश्वस्त करेंगे. हालांकि, अब बैंकों को शिकायतों पर विभागीय कार्रवाई तेजी से करनी होगी.

यह भी पढ़ेंःबच्चों की मौत पर सीएम गहलोत का शर्मनाक बयान, कहा- रोज कुछ मौतें होती हैं, नया कुछ नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बैंकों को निर्देश दिया कि वह भ्रष्टाचार को लेकर उनके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज सतर्कता संबंधी मामलों का जल्द से जल्द निपटान करें. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि 1 जनवरी से भुगतान के कुछ चुनिंदा तरीकों में मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) शुल्क लागू नहीं होगा.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि भुगतान के तौर तरीकों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा. वित्त मंत्री ने जुलाई में पेश अपने पहले बजट भाषण में देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए एमडीआर शुल्क हटाने का प्रस्ताव किया था. उन्होंने कहा था कि इसलिए मैं यह प्रस्ताव करती हूं कि 50 करोड़ रुपये से अधिक का सालाना कारोबार करने वाले व्यवसायिक प्रतिष्ठान अपने ग्राहकों को इस तरह की कम लागत वाले डिजिटल भुगतान के तरीकों की पेशकश करेंगे. ऐसा करते समय ग्राहकों और व्यवसायियों पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट अथवा कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा.

यह भी पढ़ेंःअसम को RSS के चड्डी वाले नहीं चलाएंगे, Assam की जनता चलाएगी- राहुल गांधी

निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोग जब इस तरह के डिजिटल भुगतान के तौर तरीकों को अपनाना शुरू कर देंगे तो इस तरह के लेनदेन पर आने वाली लागत को रिजर्व बैंक और बैंक मिलकर वहन करेंगे. बैंकों और रिजर्व बैंक को कम नकदी के रखरखाव और कारोबार से जो बचत होगी उससे डिजिटल भुगतान की लागत का वहन किया जाएगा.

Source : News Nation Bureau

nirmala-sitharaman Pre Budget Meeting MDR Banks Case
Advertisment
Advertisment